समाजवादी पार्टी के नेता अमर सिंह ने पार्टी में संकट को शनिवार को 'दुर्भाग्यपूर्ण' बताया और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाने वाली पारिवारिक कलह में पार्टी सदस्यों से मुलायम सिंह यादव का समर्थन करने का आग्रह किया।
लंबे समय तक पार्टी से बाहर रहने के बाद हाल में वापसी करने वाले अमर ने कहा, 'मैं पार्टी सदस्यों से नेताजी के साथ खड़े होने की अपील करता हूं। जो कुछ हो रहा है, वह दुर्भाग्यपूर्ण है।'
अमर सिंह ने अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा, 'आज तो कुछ ऐसा लग रहा है कि रामचंद्र कह गए सिया से ऐसा कलयुग आएगा, बेटा करेगा राज बेचारा बाप जंगल को जाएगा। राजनीति में ये जो कुछ हो रहा है ये बिल्कुल गलत है। मैं अपना पूरा समर्थन नेताजी को देता हूं। उनकी अवमानना पार्टी का अनुशासन भंग करने के समान है। उनके (मुलायम) के विरूद्ध कितने भी बड़े लोग जो कुछ भी काम कर रहे हैं, वो बिल्कुल असंवैधानिक, अनैतिक और गलत है।'
सपा सुप्रीमो मुलयाम सिंह द्वारा अपने बेटे अखिलेश यादव और महासचिव रामगोपाल यादव को पार्टी से छह साल के लिए निकालने के बाद पार्टी में संकट को लेकर अमर से सवाल किया गया था। अखिलेश और रामगोपाल को पार्टी से इसलिए निकाला गया क्योंकि उन्होंने पार्टी के औपचारिक उम्मीदवारों के खिलाफ अपने प्रत्याशियों की सूची जारी की और रविवार को पार्टी की एक बैठक बुलाई है।
अमर ने कहा, 'पार्टी की नींव मुलायम सिंह ने बहुत निष्ठा और कड़ी मेहनत से डाली थी। मैंने यह पहले भी कहा है और अब भी कहूंगा कि मुलायम सिंह सपा के अध्यक्ष हैं, साथ ही में अखिलेश के पिता भी हैं।' मुलायम ने कल कहा था कि उन्होंने पार्टी को बचाने के लिए अखिलेश और रामगोपाल के खिलाफ कार्रवाई की है। पार्टी को कड़े प्रयासों के जरिए खड़ा किया गया है।
उन्होंने कहा था, 'हमें पार्टी बचानी है। पार्टी पहले है। इसलिए हम अखिलेश और रामगोपाल दोनों को निकाल रहे हैं।' उन्होंने बताया कि यह फैसला इसलिए किया गया क्योंकि रामगोपाल ने महासचिव के रूप में अपनी शक्ति का इस्तेमाल करते हुए एक जनवरी को पार्टी की आपात बैठक बुलाने का फैसला किया और अखिलेश ने बैठक का समर्थन किया था। (भाषा)