मुख्यमंत्री रेड्डी ने इस अवसर पर पिंगली वेंकैया की बेटी सीतामहालक्ष्मी से बात कर उनका हालचाल पूछा। सीएम ने वेंकैया के जीवन से संबंधित तस्वीरों का भी अवलोकन किया। भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने के सिलसिले में रेड्डी ने वेंकैया के परिवार को सम्मानित करने के साथ ही प्रदेश में इस उत्सव का शुभारंभ किया।
कौन हैं पिंगली वेंकैया : पिंगली वैंकैया भारत के राष्ट्रीय ध्वज के अभिकल्पक (डिजाइनर) हैं। वे सच्चे देशभक्त होने के साथ ही कृषि वैज्ञानिक भी थे। पिंगली का जन्म 2 अगस्त 1876, को वर्तमान आंध्रप्रदेश के मछलीपट्टनम के निकट भटलापेनुमारु नामक स्थान पर हुआ था।
मद्रास (अब चेन्नई) से हाई स्कूल पास करने के बाद वे उच्च शिक्षा के लिए कैंब्रिज यूनिवर्सिटी चले गए। कुछ समय उन्होंने नौकरी की फिर वह एंग्लो वैदिक महाविद्यालय में उर्दू और जापानी भाषा का अध्ययन करने लाहौर चले गए। कई विषयों के ज्ञाता वेंकैया को भूविज्ञान और कृषि क्षेत्र से विशेष लगाव था। पिंगली ने ब्रिटिश भारतीय सेना में भी सेवा की थी और दक्षिण अफ्रीका के एंग्लो-बोअर युद्ध में भाग लिया था। यहीं उनका गांधीजी से संपर्क हुआ।
1906 से 1911 तक पिंगली मुख्य रूप से कपास की फसल की विभिन्न किस्मों के तुलनात्मक अध्ययन में व्यस्त रहे। इसके बाद वह वापस किशुनदासपुर लौट आये और 1916 से 1921 तक विभिन्न झंडों के अध्ययन में अपने आप को समर्पित कर दिया और अंत में वर्तमान भारतीय ध्वज विकसित किया। उनकी मृत्यु 4 जुलाई, 1963 को हुई।