जम्मू। मात्र 10 दिनों के अंतराल के बाद इंटरनेशनल बॉर्डर पर पाकिस्तान द्वारा खोदी गई सबसे लंबी और गहरी एक और सुरंग मिली है। इससे पहले 13 जनवरी को भी एक सुरंग मिली थी। 2 माह में 3 सुरंगें मिल चुकी हैं जबकि वर्ष 2012 के बाद इंटरनेशनल बॉर्डर पर मिलने वाली सुरंगों में इसका क्रम 12वां है। सीमा सुरक्षा बल ने शनिवार को जम्मू-कश्मीर में हीरानगर के पनसर में एक सुरंग का पता लगाया है। इसकी लंबाई 150 मीटर और गहराई 30 फीट बताई जा रही है।
सूत्रों का कहना है कि इसका निर्माण पाकिस्तानी खुफिया विभाग ने आतंकियों को भारत में घुसपैठ कराने के लिए किया था। जानकारी के अनुसार हीरानगर अंतरराष्ट्रीय सीमा पर अब पंजाब से सटे पानसर और पहाड़पुर के बीच जीरो लाइन और तारबंदी के बीच टनल मिली है। हीरानगर में 10 दिन के बीच में पाकिस्तान से की ओर से खोदी गई की दूसरी टनल मिलने का मामला है। 4 दिन पहले इसी स्थान पर मिला था एक बड़ा गड्ढा। जांच के लिए मौके पर अधिकारी पहुंच गए हैं। इससे पहले बोबिया क्षेत्र में 13 जनवरी को 150 मीटर लंबी टनल मिली थी।
अधिकारी कहते हैं कि सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार सुरंगें खोदने के लिए पाकिस्तान पेशेवर इंजीनियरों की मदद ले रहा है। इसी वजह से सैकड़ों मीटर लंबी सुरंगों को खोदने पर भी इसकी भनक नहीं लग रही। हालांकि बीएसएफ के एंटीटनल अभियान ने आरएस पुरा, सांबा से लेकर हीरानगर सेक्टर तक सुरंगों को खोजने में सफलता हासिल की है।
वर्ष 2016 के दिसंबर महीने में भी बीएसएफ को जम्मू के चमलियाल में 80 मीटर लंबी और 2 गुना 2 फीट की 1 सुरंग मिली थी, तब बीएसएफ ने कहा था कि सांबा सेक्टर में मारे गए 3 आतंकियों ने इसी का इस्तेमाल किया था। फरवरी 2017 में भी रामगढ़ सेक्टर में 1 सुरंग का पता लगाया गया था। उसका एक सिरा भारत और दूसरा पाकिस्तान में था। अक्टूबर 2017 में अरनिया सेक्टर में भी 1 सुरंग मिली थी। सुरंगें मिलने वाले स्थान से जम्मू-पठानकोट राजमार्ग करीब 10 किमी की दूरी पर है और रेल लाइन 3 से 4 किमी की दूरी पर है।