अदालत ने कहा कि आरोपी 27 नवंबर से हिरासत में है और अब हिरासत में रखकर उससे पूछताछ करना जरूरी नहीं है। मामले के गुण-दोष पर बिना कोई राय व्यक्त किए और यह देखते हुए कि आवेदक दिल्ली पुलिस में है, ऐसी कोई संभावना नहीं है कि वह न्याय प्रक्रिया से भाग जाएगा। फलस्वरूप उसे जमानत दी जाती है।