अपनी गिरफ्तारी पर शाश्वत ने बताया कि मैने अदालत के आदेश के सम्मान में खुद पुलिस के समक्ष समर्पण किया है। गिरफ्तारी से बचने का मुझ पर गलत आरोप लगाया गया है। मैं फरार नहीं था क्योंकि मैने कोई अपराध नहीं किया है। अगर भारत माता और श्रीराम की प्रशंसा में नारेबाजी करना एक अपराध है तो मुझे एक अपराधी कहा जा सकता है।
शाश्वत की अगुवाई में एक जुलूस के दौरान तेज संगीत बजाये जाने पर कुछ लोगों की आपत्ति के बाद 17 मार्च को भड़की सांप्रदायिक हिंसा को लेकर भागलपुर के नाथनगर थाने में दो एफआईआर दर्ज कराई गई थी। इन एफआईआर में से एक में शाश्वत के अलावा आठ अन्य लोगों का नाम था। हिन्दू कैंलडर के मुताबिक, नए साल के उपलक्ष्य में बिना अनुमति के यह जुलूस निकाला जा रहा था।