श्राइन बोर्ड के अधिकारियों के मुताबिक किसी भी तरह की भीड़भाड़ को रोकने के लिए अब यात्रा की बुकिंग केवल ऑनलाइन ही की जा सकेगी। रविवार को बुलाई गई बैठक में वैष्णोदेवी श्राइन बोर्ड की तरफ से ये फैसला उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के निर्देशों के बाद लिया गया है। इसके तहत अब श्रद्धालुओं को गुफा के दर्शन करने के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करना पड़ेगा, क्योंकि वर्तमान पर्ची सिस्टम को हमेशा के लिए बंद कर दिया गया है। पर साथ ही उपराज्यपाल ने बोर्ड के सीईओ से टोकन ग्रुप नंबर सिस्टम बहाल करने पर विचार करने को कहा गया। यह सिस्टम पिछले 6 साल से बंद है।
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा द्वारा गठित एक उच्चाधिकार प्राप्त जांच समिति ने घटनास्थल का दौरा किया और आम जनता से घटना के बारे में वीडियो, बयान या कोई अन्य सबूत शेयर करने की अपील की। मनोज सिन्हा ने श्री माता वैष्णोदेवी श्राइन बोर्ड की बैठक की अध्यक्षता की। बैठक के बाद उपराज्यपाल ने ट्वीट के माध्यम से बताया कि जांच के बाद आवश्यकता पड़ने पर व्यवस्था में सुधारों, बुनियादी ढांचे का निर्माण शुरू करने और 100 प्रतिशत ऑनलाइन बुकिंग करने के लिए निर्देश जारी किए गए हैं। साथ ही उन्होंने बताया कि पूरे रास्ते पर भीड़भाड़ कम करने, भीड़ और कतारों के प्रभावी प्रबंधन के लिए टेक्नोलॉजी के उचित इस्तेमाल, आरएफआईडी ट्रैकिंग करने समेत कई कदम उठाए गए हैं।
जानकारी के लिए वर्ष 2021 में 55.77 लाख से अधिक श्रद्धालु दर्शन करने के लिए यहां आए जबकि कोरोनावायरस महामारी के कारण उसके वर्ष 2020 में 17 लाख श्रद्धालु ही आए थे। कोरोना पाबंदियों के चलते प्रतिदिन 25 हजार श्रद्धालुओं को दर्शन की अनुमति थी, पर अब श्राइन बोर्ड दावा कर रहा है कि उसे 2 दिनों के लिए यह संख्या 35 हजार करने की अनुमति मिली थी।
इतना जरूर था कि वैष्णोदेवी में भगदड़ की घटना में 12 लोगों के मारे जाने की घटना के बाद स्थानीय निवासियों की ओर से किए गए विरोध प्रदर्शन में यह आशंका जताई गई है कि उपराज्यपाल की ओर से गठित जांच समिति मंदिर प्रबंधन की भूमिका की ढंग से जांच नहीं कर पाएगी और इसीलिए सीबीआई जैसी सेंट्रल एजेंसी से इस मामले की जांच करवाई जानी चाहिए।
बहरहाल, श्राइन बोर्ड के सूत्रों का कहना था कि ऐसे बयानों के पीछे अक्सर लोकल समीकरणों की भी भूमिका होती है इसलिए इसे एक हद से ज्यादा अहमियत नहीं दी जा सकती। लेकिन इससे जांच समिति की चुनौतियां जरूर बढ़ गई हैं और उसे यह सुनिश्चित करना होगा कि जांच के दौरान सभी महत्वपूर्ण पहलुओं पर रोशनी पड़े और सभी प्रासंगिक सवालों के संतोषजनक जवाब तलाशे जाएं तभी इस भगदड़ के लिए जिम्मेदार स्थितियों की सही तस्वीर सामने आएगी और यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि आगे कभी ऐसी घटना न हो।