मासूम के परिजनों का कहना है कि फतुहा के एक निजी अस्पताल से उस बच्चों को लेकर पटना के अस्पताल में ले जा रहे थे, लेकिन पुलिस एंबुलेंस को नहीं जाने दिया। परिजन पुलिस से मदद की गुहार लगाते रहे। उनका कहना था कि बच्चा बेहोश है, समय पर इलाज नहीं मिला तो वह मर जाएगा। पुलिसकर्मियों ने उसकी एक न सुनी।
नियमानुसार, किसी भी स्थिति में किसी रोगी को ले जा रही एंबुलेंस को रोका नहीं जाता है। इस काफिले को पहुंचने में समय था। एंबुलेंस को निकाला जा सकता था। लेकिन इस मामले में बिहार पुलिस की संवेदनहीनता हैरान करने वाली है।