बेंगलुरु। कर्नाटक में विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और उसकी सहयोगी जद (एस) ने राज्य के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के इस्तीफे की मांग को लेकर शनिवार को बेंगलुरु से 7 दिवसीय 'मैसूर चलो' मार्च शुरू किया। भाजपा और जनता दल (सेक्युलर) ने सिद्धारमैया पर मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) में अवैध साइट आवंटन घोटाले में संलिप्तता का आरोप लगाया है।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बी.वाई. विजयेन्द्र और जद (एस) की युवा इकाई के अध्यक्ष निखिल कुमारस्वामी ने ढोल की थाप के बीच बिगुल बजाकर मार्च की शुरुआत की। 7 दिवसीय मार्च 10 अगस्त को मैसूर में एक बड़ी जनसभा के साथ समाप्त होगा। भाजपा के वरिष्ठ नेता बी.एस. येदियुरप्पा ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री भ्रष्टाचार के मामले में शामिल हैं और उन्हें पद छोड़ देना चाहिए।
उन्होंने भाजपा और जद (एस) दोनों के कार्यकर्ताओं और नेताओं को संबोधित करते हुए कहा कि सिद्धारमैया के लिए बेहतर होगा कि वे स्वयं ही इस्तीफा दे दें और शालीनता से पद छोड़ दें। इस अवसर पर कर्नाटक विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष आर. अशोक ने कहा कि कांग्रेस को मुख्यमंत्री को नोटिस जारी करने के लिए राज्यपाल थावरचंद गहलोत पर सवाल उठाने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि नोटिस दिए जाने के बाद आप (सिद्धारमैया) कांपने लगे हैं। कोई केवल कल्पना कर सकता है कि जब मुख्यमंत्री पर मुकदमा चलाने की अनुमति उनके (राज्यपाल) द्वारा दी जाएगी तो क्या होगा?
केंद्रीय इस्पात एवं भारी उद्योग मंत्री एच.डी. कुमारस्वामी ने कहा कि कांग्रेस, दलित समुदायों के उत्थान की बात करती है लेकिन एमयूडीए और वाल्मीकि निगम घोटाले में उन्होंने जो किया, उससे उनका दलित विरोधी चेहरा उजागर हो गया है। कार्यक्रम स्थल पर बैनर, बंदनवार और भाजपा-जद (एस) के झंडे लगाए गए थे।(भाषा)