दरअसल 80 से अधिक पूर्व नौकरशाहों ने बुधवार को एक खुला पत्र लिख कर राज्य और केन्द्र सरकार पर तीन दिसंबर को बुलंदशहर के सियाना तहसील में भीड़ के हिंसक हो जाने की घटना को ठीक ढंग से संभाल पाने में विफल होने के आरोप लगाए थे। इन अधिकरियों ने आदित्यनाथ पर कट्टरवादी होने का आरोप लगाया था और उनके इस्तीफे की मांग की थी।