उच्चतम न्यायालय ने इस साल सितम्बर में महाराष्ट्र में शिक्षा और नौकरी में मराठा समुदाय के लोगों को आरक्षण देने वाले कानून को लागू करने पर रोक लगा दी थी, लेकिन साथ ही स्पष्ट कर दिया था कि जिन्हें इसका लाभ मिला है उन्हें इस आदेश से कोई परेशानी नहीं होगी।
भाजपा नेता एवं राज्य के पूर्व मंत्री आशीष शेलार ने विधान भवन के बाहर कहा कि मराठा आरक्षण मामले पर उच्चतम न्यायालय में सुनवाई के दौरान सरकारी वकील मौजूद नहीं था। उन्होंने पूछा, सरकार अदालत को समझाने में अक्षम क्यों रही?विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेन्द्र फडणवीस ने कहा, सरकार चर्चा से बच रही है
उन्होंने कहा कि दो दिन के सत्र में 10 विधेयक सूचीबद्ध हैं, इसका मतलब है कि सरकार चर्चा नहीं चाहती। उप मुख्यमंत्री अजीत पवार ने इन मुद्दों को हताशा में उठाने के लिए भाजपा पर निशाना साधा। पवार ने कहा, सरकार मराठा आरक्षण पर से स्थगन हटाने की पूरी कोशिश कर रही है।