जम्मू। जम्मू फ्रंटियर के सीमांत गांवों और क्षेत्रों में अनजान लोगों की आवाजाही, बसाहट और किराए पर रहने की घटनाएं सीमा सुरक्षा बल को परेशान करने लगी हैं। ऐसे में सुरक्षा बल चाहता है ऐसे लोगों की जल्द से जल्द पहचान की जाए। बीएसएफ के अधिकारी इस मुद्दे को कई बार संबधित अधिकारियों के समक्ष उठा चुके हैं। बीएसएफ के एक अधिकारी के मुताबिक, अक्सर सीमांत किसान उन लोगों को इंटरनेशनल बॉर्डर की तारबंदी तक ले जाकर खतरा पैदा कर रहे हैं, जिनकी कहीं कोई जांच नहीं होती है और उनमें कई संदिग्ध भी लगते हैं।
यही नहीं कई प्रवासियों ने अब उन किसानों के सीमावर्ती खेतों में ही झुग्गियां बना ली हैं, जिनसे खेतों में फसलों की बुवाई और कटाई का काम किराए पर करवाया जा रहा है।
ताजा घटनाक्रम में इस मामले में सांबा के डिप्टी कमिशनर ने पहल करते हुए 10 दिनों के अंदर उन सभी व्यक्तियों की जानकारियां देने के लिए कहा है जो या तो किराए पर रह रहे हैं या फिर जिन्होंने सीमावर्ती खेतों व गांवों में मकान बनाए हैं। खासकर प्रदेश के बाहर से आने वाले व्यक्तियों के लिए यह आदेश दिया गया है।
सांबा की आयुक्त अनुराधा गुप्ता के कार्यालय से जारी एक आदेश संख्या 06 ऑफ 2023 दिनांक 22 फरवरी 2023 के बकौल, संबंधित थाना प्रभारियों को इस सबंध में जानकारियां नहीं देने वालों को धारा 144 के तहत हिरासत में लेने के लिए भी कहा है।
उन्होंने अपने आदेश में बीएसएफ की चिंताओं को गंभीरता से लेते हुए कहा है कि इस कार्य के लिए थाना प्रभारियों, तहसीलदारों, चौकीदारों और नंबरदारों को भी तत्काल कार्रवाई करने के लिए कहा गया है ताकि अवांछित तत्वों को कोई कृत्य करने से पहले ही रोका जा सके।
फिलहाल इस आदेश को दो माह के लिए लागू किया गया है जबकि याद रखने तथ्य यह है कि सांबा के सीमांत इलाकों में बीएसएफ के आग्रह पर पहले ही तारबंदी के एक किमी के इलाके में रात्रि कर्फ्यू लागू किया जा चुका है।