बीएमसी के एक अधिकारी ने कहा, 'खतरनाक इमारत को 2011 में ही खाली करने का नोटिस दिया गया था। उसमें रह रहे लोगों को एसबीयूटी परियोजना के लिए भी घर खाली करने को कहा गया था लेकिन किसी ने चेतावनियों की परवाह नहीं की।' दमकल अधिकारियों के अनुसार इमारत के दो हिस्से पूरी तरह ध्वस्त हो चुके हैं।