छोटे बच्चों का बड़ा कारनामा, खेल-खेल में जोड़ लिए 1 करोड़ रुपए
रविवार, 20 मई 2018 (14:40 IST)
छिंदवाड़ा (मप्र)। बच्चे ने पैसे मांगे, मां ने आंचल के छोर से बंधी गांठ खोलकर अठन्नी या 1 रुपए का सिक्का बच्चे की हथेली पर रख दिया। बच्चा दौड़कर गया और उस सिक्के को अपनी गुल्लक में डाल दिया। फिर तो यह सिलसिला चल निकला। जब जहां से पैसे मिले, बच्चे गुल्लक में डालते रहे। आज वे बच्चे बड़े हो गए हैं और उनकी यह छोटी-छोटी राशि भी 1 करोड़ रुपए की बड़ी रकम बन चुकी है।
बच्चों में बचत की आदत डालने के लिए मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में वर्ष 2007 में शुरू की गई बच्चों की 'गुल्लक योजना' से बच्चों ने अपनी छोटी-छोटी बचत राशि से 1 करोड़ रुपए की बड़ी राशि सहकारी बैंक में जमा करके सबको आश्चर्यचकित कर दिया है।
छिंदवाड़ा जिला सहकारी बैंक मर्यादित के सीईओ कृष्णकुमार सोनी ने बताया कि मध्यप्रदेश सरकार ने वर्ष 2007 में छोटे-छोटे बच्चों में बचत की आदत डालने के लिए 'अरुणोदय गुल्लक योजना' शुरू की थी। इसके बाद अब इस योजना के बेहतर परिणाम सामने आने लगे हैं।
छिंदवाड़ा के जिला सहकारी बैंक ने इस अनूठी योजना की शुरुआत की थी। इस दौरान 11 वर्ष में जिले की 26 सहकारी बैंक शाखाओं में बच्चों द्वारा गुल्लक में की गई बचत की राशि 1 करोड़ रुपए से अधिक हो गई है। बैंक अब इन रुपयों से बच्चों को पढ़ने, व्यवसाय, शादी या अन्य दूसरी जरूरतों को पूरा करने के लिए ऋण दे रहा है।
सीईओ ने बताया कि 'अरुणोदय गुल्लक योजना' खाते में 1 रुपए से लेकर कितनी भी राशि जमा कराई जा सकती है। इस खाते को आसानी से खोला जा सकता है। नवजात का जन्म प्रमाण पत्र या फिर कोई भी आईडी प्रूफ देकर पिता के केवाईसी दस्तावेजों के साथ बचत खाता खोलकर गुल्लक दी जाती है।
उन्होंने बताया कि गुल्लक 1 छोटे लॉकर जैसी होती है जिसकी 2 चाबियां होती हैं। इसकी 1 चाबी खाताधारक और दूसरी बैंक के पास होती है। दोनों चाबी 1 साथ लगाने पर ही इस गुल्लक को खोला जा सकता है। हर महीने बच्चों के अभिभावक गुल्लक को बैंक में लाकर खोलते हैं और गुल्लक की जमा राशि को बच्चों के खाते में डाल दिया जाता है। इस खाते को बच्चों के अभिभावक और बच्चे के नाम के साथ संयुक्त रूप से खोला जा सकता है। जमा राशि पर बैंक द्वारा 8 प्रतिशत के हिसाब से ब्याज भी दिया जाता है।
सोनी ने बताया कि बच्चे के खाते में 2,000 से 5,000 रुपए की राशि जमा होने पर मियादी अमानत बना दी जाती है। मियादी अमानत पर ब्याज अधिक मिलता है। जिले में 6,000 से ज्यादा खाताधारक हो गए हैं जिसके चलते बैंक में 1 करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि जमा हो गई है। बच्चों के अभिभावक महीने में 1 बार बैंक आते हैं और गुल्लक खोलकर जितनी भी राशि होती है उसे पासबुक में दर्ज कर बच्चे के खाते में जमा कर देते हैं।
गोलगंज निवासी खाताधारक नमन जैन ने बताया कि इस योजना के अंतर्गत उन्होंने अपने खाते में 17,543 रुपए जमा कर लिए हैं। पटेल नगर निवासी अर्थव चिचोले ने बताया कि इस योजना में उन्होंने 19,314 रुपए जमा किए, जबकि गुलाबरा निवासी अश्विनी सासनकार ने बताया कि वे इस योजना के अंतर्गत अपने खाते में 20 हजार रुपए से ज्यादा जमा कर चुके हैं। सिविल लाइन निवासी अनिल श्रीवास्तव ने बताया कि इस योजना से उन्हें छुटपन में ही बचत करने की आदत लग गई और उन्होंने अपने खाते में 25,759 रुपए से ज्यादा जमा कर लिए। (भाषा)