महाराष्ट्र के बुलढाणा में लोनार झील एक लोकप्रिय पर्यटक केंद्र है। करीब 50,000 साल पहले पृथ्वी पर एक धूमकेतु के टकराने से यह अंडाकार झील बनी थी। हाल ही में इस झील का पानी गुलाबी हो गया जिससे स्थानीय लोग ही नहीं बल्कि प्रकृति प्रेमी और वैज्ञानिक भी चकित हैं।
न्यायमूर्ति सुनील शुक्रे और न्यायमूर्ति अनिल किलोर की पीठ ने सोमवार को कीर्ति निपांकर की याचिका पर सुनवाई के दौरान झील का रंग बदलने पर चिंता प्रकट की है। पिछले महीने अदालत ने राष्ट्रीय पर्यावरण अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान और भारतीय भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण संस्थान को इस झील पर पर्यावरणीय प्रभाव आकलन करने का निर्देश दिया था।