अहमदाबाद। गुजरात के उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने कहा भारत के संविधान, कानून और धर्मनिरपेक्षता की बातें तभी तक की जाएंगी, जब तक देश में हिन्दू बहुसंख्यक हैं और अगर अगले 1,000-2000 वर्षों में घटकर हिन्दू अल्पसंख्यक हो जाएं तो देश की 'अदालतें, लोकसभा, संविधान, धर्मनिरपेक्षता' कुछ नहीं रहेगा।
उन्होंने कहा कि संविधान, कानून, धर्मनिरपेक्षता की बात करने वाले ऐसा तब तक करते रहेंगे, जब तक इस देश में हिन्दू बहुसंख्यक हैं। भगवान न करे कि ऐसा हो। लेकिन अगर अगले 1,000-2,000 वर्षों में हिन्दुओं की संख्या कम हो जाती है और दूसरे धर्म के लोगों की संख्या बढ़ जाती है तो कोई अदालत नहीं होगी, लोकसभा, संविधान, धर्मनिरपेक्षता- ये सब कुछ हवा-हवाई हो जाएगा, कुछ भी नहीं रहेगा।
गांधीनगर में विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) द्वारा आयोजित देवी भारतमाता के मंदिर में मूर्ति स्थापना समारोह को मनाने के लिए शुक्रवार को एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि वे सभी मुसलमानों या ईसाइयों के बारे में बात नहीं कर रहे, क्योंकि उनमें से बड़ी संख्या में लोग देशभक्त हैं। पटेल ने कहा कि मैं सबके बारे में बात नहीं कर रहा हूं। हजारों और लाखों मुसलमान, ईसाई देशभक्त हैं। हजारों मुस्लिम भारतीय सेना में हैं, सैकड़ों मुस्लिम गुजरात पुलिस बल में हैं। वे सभी देशभक्त हैं। लेकिन मैं उनकी बात कर रहा हूं, जो देशभक्त नहीं हैं।
पटेल ने गुजरात धर्म स्वतंत्रता (संशोधन) अधिनियम, 2021 को चुनौती देने के लिए एक मुस्लिम संगठन (जमीयत उलेमा-ए-हिन्द) की आलोचना की, जो बल का उपयोग करके अंतरधार्मिक विवाह के माध्यम से धर्मांतरण को रोकना चाहता है और आश्चर्य जताया कि उसे कानून से परेशानी क्यों है जबकि यह धर्म-विशिष्ट नहीं है। उल्लेखनीय है कि गुजरात उच्च न्यायालय ने मामला लंबित रहने तक इस विवादास्पद कानून की कई धाराओं पर रोक लगा दी है।(भाषा)