नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट में सोमवार को न्यायमूर्ति संजीव नरूला ने 5जी वायरलेस नेटवर्क प्रौद्योगिकी के खिलाफ फिल्म अभिनेत्री जूही चावला का वाद खारिज किए जाने से संबंधित उनके आवेदन पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया। इस वजह से मामले की सुनवाई 29 जुलाई तक के लिए स्थगित हो गई।
न्यायमूर्ति संजीव नरूला ने कहा कि यह अन्य पीठ के पास जाना चाहिए। मुख्य न्यायाधीश के आदेश के तहत 29 जुलाई को अन्य पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया जाए। न्यायमूर्ति ने चावला की याचिका पर सुनवाई करने से खुद को अलग करने का कोई कारण नहीं बताया।
पिछले हफ्ते न्यायमूर्ति जेआर मिधा ने निर्देश दिया था कि इस मामले में जूही चावला पर पहले लगाए गए 20 लाख रुपए के जुर्माने की राशि जमा कराए जाने के बाद 5जी प्रौद्योगिकी के खिलाफ उनका वाद खारिज करने की बजाए इसे अस्वीकार घोषित करने के अनुरोध वाला आवेदन न्यायमूर्ति नरूला के समक्ष सूचीबद्ध किया जाए।
चावला के वकील ने दलील दी कि वाद, 'कभी भी मुकदमे के स्तर तक नहीं पहुंचा' और उसे केवल दीवानी प्रक्रिया संहिता के तहत अस्वीकार या वापस किया जा सकता है, खारिज नहीं किया जा सकता है।
अदालत ने जून में, चावला और दो अन्य लोगों द्वारा 5जी लाने के खिलाफ दायर मुकदमे को "दोषपूर्ण", "कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग" बताया था और कहा था कि इसे "प्रचार हासिल करने" के लिए दायर किया गया था और इसे खारिज कर दिया था तथा जुर्माना लगाया था।
न्यायमूर्ति मिधा ने कहा था कि जिस वाद में 5जी प्रौद्योगिकी के कारण स्वास्थ्य संबंधी खतरों के बारे में सवाल उठाए गए हैं, वह "सुनवाई योग्य नहीं है" और यह "अनावश्यक चौंका देने वाले , तुच्छ और परेशान करने वाले बयानों से भरा हुआ है" जो खारिज किए जाने योग्य हैं। (भाषा)