फडणवीस ने यह घोषणा विपक्षी सदस्यों द्वारा सरकार पर मराठा समुदाय को आरक्षण देने के अपने वादे से पीछे हटने के आरोपों के जवाब में की। फडणवीस ने मराठा और धनगर समुदाय से ताल्लुक रखने वाले लोगों से यह अनुरोध भी किया कि वे ‘आषाढ़ी एकादशी’ के दिन पंढ़रपुर में प्रदर्शन नहीं करें, ताकि भगवान विट्ठल का दर्शन करने जाने वाले श्रद्धालुओं को असुविधा न हो।
उन्होंने विधानसभा में कहा, कुछ लोग कह रहे हैं कि अगर हम बड़ी भर्ती पर आगे बढ़ते हैं और यदि उच्च न्यायालय मराठा समुदाय को आरक्षण दे देता है तो ये पद उनके लिए उपलब्ध नहीं रहेंगे। मैं आश्वस्त करना चाहूंगा कि हमारे पास इससे ज्यादा पद उपलब्ध हैं।
उन्होंने कहा, अगर मराठाओं को आरक्षण मिलता है तो हम 72,000 पदों में से 16 प्रतिशत पदों को बैकलॉग के तौर पर भरेंगे। लिहाजा समुदाय के साथ कोई अन्याय नहीं होगा। मराठा समुदाय राजनीतिक तौर पर प्रभावशाली है और वे पिछड़ा वर्ग श्रेणी में सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में आरक्षण की मांग कर रहा है, जबकि धनगर समुदाय अनुसूचित जनजाति के तहत आरक्षण की मांग कर रहा है।