चंडीगढ़। सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव के 553वें प्रकाश पर्व के मौके पर मंगलवार को पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ के गुरुद्वारों में बड़ी संख्या में श्रद्धालु उमड़े। श्रद्धालु अमृतसर में स्वर्ण मंदिर, कपूरथला में सुल्तानपुर लोधी और हरियाणा के पंचकुला में नाडा साहिब सहित अन्य धार्मिक स्थलों पर मत्था टेकने पहुंचे।
पंजाब के प्रमुख शहरों- लुधियाना, जालंधर, बठिंडा, मोहाली और आनंदपुर साहिब में गुरुद्वारों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। हरियाणा में, कुरुक्षेत्र, अंबाला, सिरसा, करनाल और यमुना नगर के गुरुद्वारों में भी गुरुपर्व पर भारी भीड़ देखी गई।
इस अवसर पर गुरुद्वारों को शानदार ढंग से सजाया गया था और विभिन्न धर्मों के लोग भी गुरुद्वारों में समारोह को देखने के लिए कतार में खड़े थे। उन्होंने प्रार्थना भी की और 'शबद कीर्तन' सुना। पहले सिख गुरु का जन्म 1469 में आज ही के दिन वर्तमान पाकिस्तान में लाहौर के पास ननकाना साहिब में हुआ था। श्रद्धालुओं ने सुल्तानपुर लोधी में ऐतिहासिक गुरुद्वारा बेर साहिब में भी पूजा-अर्चना की।
माना जाता है कि गुरु नानक देव 14 साल से अधिक समय तक सुल्तानपुर लोधी में रहे और काली बेईं में स्नान करने के बाद उन्हें ज्ञान प्राप्त हुआ। पहले सिख गुरु 'बेर' के पेड़ के नीचे ध्यान किया करते थे। इस अवसर पर गुरुद्वारों में 'अखंड पाठ' (गुरु ग्रंथ साहिब का निरंतर पाठ) का 'भोग' समारोह आयोजित किया गया। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आनंदपुर साहिब स्थित गुरुद्वारा केशगढ़ साहिब में मत्था टेका।(भाषा)