मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस फैसले को सही ठहराते हुए कहा कि राज्य की पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने नवंबर, 2022 में विधानसभा चुनावों के ठीक पहले वैट में सात प्रतिशत की कटौती की थी। ऐसे में राज्य सरकार को वित्तीय संसाधन जुटाने के लिए ऐसा करना जरूरी हो गया था।
उन्होंने कहा कि भारी बारिश के कारण हिमाचल प्रदेश को भारी नुकसान उठाना पड़ा है लिहाजा राज्य को संसाधनों की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सड़कों, जल-आपूर्ति व्यवस्था और बिजली को अस्थाई रूप से बहाल कर दिया गया है लेकिन क्षतिग्रस्त बुनियादी ढांचे को पूरी तरह बहाल करने में लगभग एक साल लगेगा।
सुक्खू ने कहा कि डीजल पर वैट बढ़ाए जाने के बावजूद हिमाचल में पड़ोसी राज्यों उत्तराखंड, पंजाब और हरियाणा की तुलना में डीजल सस्ता है। हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री एवं विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर ने डीजल पर वैट बढ़ाने की आलोचना करते हुए कहा कि यह शुल्क वृद्धि ऐसे समय की गई है जब लोग अभूतपूर्व बारिश और बाढ़ के प्रभाव से जूझ रहे हैं।