भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा दिग्विजय सिंह को कथित तौर पर 'देशद्रोही' कहे जाने पर पलटवार करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने शनिवार को मुख्यमंत्री को उनके खिलाफ कार्रवाई करने की चुनौती दी। उन्होंने यह भी कहा कि वे 26 जुलाई को स्वयं को गिरफ्तार करवाने के लिए भोपाल के पुलिस थाने में पेश होंगे। इसके साथ ही दिग्विजय ने कहा कि यदि यह आरोप आधारहीन है तो चौहान सार्वजनिक तौर पर माफी मांगें।
मुख्यमंत्री चौहान को शनिवार को लिखे पत्र में दिग्विजय ने कहा कि मैंने खुद संविधान की शपथ ली है। भारतमाता की एकता और अखंडता के लिए मैंने खुद को कानून के सुपुर्द करने का निर्णय लिया है। मैं आपको सूचित करना चाहता हूं कि आगामी 26 जुलाई को भोपाल में, मैं अपने आपको टीटी नगर थाने में प्रस्तुत करूंगा। इस बीच आप अपने प्रशासन को मेरे विरुद्ध देशद्रोह के सभी प्रमाण उपलब्ध करा दें ताकि उन्हें मेरे खिलाफ मामला दर्ज करने और मेरी गिरफ्तारी करने में कोई कानूनी अड़चन नहीं आए।
भाजपा की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार चौहान ने 19 जुलाई को सतना में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए दिग्विजय पर आतंकवादी के परिवार में जाकर उसे महिमामंडित करने का आरोप लगाते हुए कहा था कि मुझे दिग्विजय सिंहजी की बुद्धि पर तरस आता है, जो लगातार अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि हिन्दू आतंकवाद का नाम लेना देश का अपमान है, संस्कृति का अपमान है। वे ऐसे व्यक्ति हैं, जो मानसिक रूप से कुंठित हैं और इसलिए अपनी संस्कृति अपनी जड़ों पर ही प्रहार करते हैं। ऐसे व्यक्ति हैं कि कोई पुलिस अगर आतंकवादी को मार दे तो वे आतंकवादी के यहां जाते हैं। उसके परिवार में जाकर उसको महिमामंडित करने का काम करते हैं। कई बार दिग्विजयजी के ऐसे कदम देशद्रोही लगते हैं।
उन्होंने कहा कि आतंकवादी को 'जी' कहकर संबोधित करना क्या 'देशद्रोही' की परिधि में नहीं आता? क्या यह हमारे सीमा पर शहीद हुए जवानों और मातृभूमि की रक्षा के लिए लगे जवानों का अपमान नहीं है? क्या यह जवानों के मनोबल को तोड़ने का काम नहीं है? दिग्विजय सिंह को देश समाज और संस्कृति से प्यार नहीं है और केवल छपास की भूख पूरी करने के लिए वे ऐसी बयानबाजी करते हैं।
मीडिया को जारी मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में दिग्विजय ने कहा कि आपने मुझ पर देशद्रोही होने का आरोप लगाया है। आप प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं, इस नाते प्रदेश की सीमाओं में राष्ट्र की एकता और अखंडता को अक्षुण्ण रखना आपका संवैधानिक कर्तव्य है। यदि आपकी जानकारी में देशद्रोह का कोई प्रकरण आता है, तो भारत के संविधान के अनुसार आपका कर्तव्य है कि देशहित में जरूरी प्रशासनिक और कानूनी कार्रवाई करें। यदि आप केवल बयान जारी कर अपनी संवैधानिक जिम्मेदारी पूरी करना चाहते हैं, तो आप अपने फर्ज से भटक रहे हैं। देशद्रोह गंभीर आरोप है और एक पूर्व मुख्यमंत्री होने के नाते मैं आपसे आग्रह करता हूं कि देशद्रोह की किसी भी घटना को हल्के में नहीं लें।
झूठे प्रचार में भाजपा को माहिर बताते हुए दिग्विजय ने कहा कि भाजपा ने मुझ पर कई बार अनर्गल आरोप लगाए हैं, लेकिन 15 साल की कोशिशों के बावजूद आज तक आप कुछ सिद्ध नहीं कर सके। मुख्यमंत्री का काम कोरी बयानबाजी करना नहीं, बल्कि कर्तव्य का पालन करना है।
दिग्विजय ने पत्र में चौहान से कहा कि यदि आपके पास मेरे खिलाफ कोई भी प्रमाण है जिनसे मुझ पर देशद्रोह का आरोप सिद्ध होता है, तो कृपया मुझ पर तत्काल मामला दायर कर मुझे कड़ी सजा दिलाएं। लेकिन यदि आपके पास मुझ पर देशद्रोह के आरोप लगाने के कोई तथ्यात्मक आधार नहीं हैं तो कृपया सार्वजनिक रूप से मुझसे और प्रदेश के आम जनमानस से तुरंत बिना शर्त काफी मांगें। (भाषा)