लखनऊ। उत्तर प्रदेश के उन्नाव में उपचुनाव के दौरान कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है और कांग्रेस पार्टी की बड़ी महिला नेत्री व उन्नाव से पूर्व सांसद अन्नू टंडन ने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। इस्तीफा देना के बाद उन्नाव से पूर्व सांसद अन्नू टंडन ने अपना इस्तीफा ट्वीट करते हुए उन्होंने प्रदेश नेतृत्व से कोई तालमेल न होने और सहयोग न मिलने के आरोप लगाए हैं।
अन्नू टंडन ने कहा है कि पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका वाड्रा से बातचीत से भी आगे का कोई रास्ता नहीं निकल सका।जिसके बाद आज मैंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से अपना इस्तीफा दे दिया है। इस संबंध में मैंने अपना बयान भी साझा किया है। अब मुझे मेरे सभी शुभचिंतकों का प्यार और आशीर्वाद चाहिए।
जारी किया वक्तव्य : आज मैंने माननीया अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी जी को एक पत्र के माध्यम से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है| उस पत्र के कुछ मुख्य बिन्दुओं को मैं अपने साथियों, सहयोगियों, कार्यकर्ताओं,उन्नाव जनपदवासियों व प्रेस से साझा करना चाहती हूं।
मैं कांग्रेस से करीब 15 वर्षों से जुड़ी रही हूं और एक चुनी हुई प्रतिनिधि यानी सांसद, पार्टी में पदाधिकारी व एक आम कार्यकर्ता की हैसियत से भी काम किया है। कांग्रेस में रहते हुए मुझे वरिष्ठ नेतृत्व से हमेशा मिलने का सौभाग्य रहा है और इस कार्यकाल में दोनों ही अध्यक्षों, जिनके नेतृत्व में मैंने काम किया, श्रीमती सोनिया गांधी जी व राहुल गांधी जी से पूरा सहयोग व स्नेह प्राप्त रहा।
इन वर्षों के सहयोग के लिए मैं हमेशा उनकी आभारी रहूंगी। मेरे उसूल व मेरी विचारधारा कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से हमेशा मिलती हुई रही और इस त्याग पत्र के उपरांत उसमें कोई परिवर्तन नहीं है। मेरी कर्मभूमि उत्तर प्रदेश है, खासकर मेरा गृह क्षेत्र उन्नाव 20 वर्षों से जनसेवा व समाज सेवा करती आई हूं और उसके अतिरिक्त मैं राजनीतिक तौर पर अपने प्रदेश व अपनों के बीच काम करते रहना चाहती हूं।
दुर्भाग्यवश प्रदेश नेतृत्व के साथ कोई तालमेल न होने के कारण मुझे कई महीनों से काम में उनसे कोई सहयोग प्राप्त नहीं हो रहा।2019 का चुनाव हारना मेरे लिए इतना कष्टदायक नहीं रहा जितना पार्टी संघठन की तबाही और उसे बिखरते हुए देखकर हुआ।
प्रदेश का नेतृत्व सोशल मीडिया मैनेजमेंट व व्यक्तिगत ब्रांडिंग में इतने लीन हैं कि पार्टी व मतदाता के बिखर जाने का उनको कोई इल्म नहीं। मेरे नेक इरादों के बावजूद, मेरे सहयोगियों व मेरे बारे में कुछ चुनिन्दा व अस्तित्वहीन व्यक्तियों द्वारा झूठा प्रचार, सिर्फ वाहवाही के लिए जो किया जा रहा है, उससे मुझे अत्यंत कष्ट का अनुभव हुआ और तकलीफ तब ज्यादा होती है जब नेतृत्व द्वारा उसकी रोकथाम के लिए कोई प्रभावी कदम नहीं उठाया जाता है।
इन सारी वजहों के बावजूद मैं कई महीनों से पार्टी में बनी रही इस उम्मीद से की शायद प्रदेश के सुंदर भविष्य के लिए अच्छे और काबिल नए नेतृत्व को प्रोत्साहित किया जाएगा। मेरी वार्ता AICC महासचिव उत्तर प्रदेश श्रीमती प्रियंका गांधी जी से भी हुई। कोई भी विकल्प या आगे का रास्ता जो सबके हित में हो नहीं निकल पाया।उत्तर प्रदेश और अन्य प्रदेशों के कांग्रेस पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं से मेरी बात इन चंद महीनों में हुई और हालातों से सभी असहाय व विकल्पहीन लगे।
भगवान की दया से व्यक्तिगत व सामाजिक स्तर से मुझे बहुत कुछ मिला। अतः पद व कोई प्रलोभन मुझे अब तसल्ली नहीं दे सकता। कांग्रेस पार्टी से विश्वास मेरा टूटकर बिखर गया है और मैं पार्टी के प्रदेश के संगठन के साथ अपने उन्नाव वासियों या प्रदेश की सेवा करने में अपने को असमर्थ महसूस करती हूं।
मैंने कांग्रेस की माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष जी को अपना त्याग पत्र भेज दिया है। भविष्य में कौनसे रास्ते पर चलूंगी, इस पर मुझे अपने सहयोगियों व कार्यकर्ताओं से परामर्श करना होगा। जो कुछ भी मैंने पाया है और इस मुकाम तक पहुंची हूं, वह हमारे अपने उन्हीं सहयोगियों व कार्यकर्ताओं के बदौलत है और मुझे पूरी उम्मीद है की हम मिलकर अच्छे के लिए, बदलाव के लिए एक ताकत की तरह उभरेंगे और सही मतलब में जनता की आवाज़ बनेंगे। जय हिन्द!