साइबर अपराध के बारे में ब्यौरा देते हुए डीसीपी ध्रुमन निंबले ने आज शाम को बताया कि पुलिस ने कुछ बैंकों से संपर्क किया है जहां रुपए भेजे गए। डीसीपी ने पहले बताया था कि यहां जीटी रोड पर कपड़े का कारखाना चलाने वाले अरूण बेरी का क्लॉक टावर के एक बैंक में खाता है। बेरी ने पुलिस को बताया कि उसे 18 जुलाई को पैसे के लेन-देन के सिलसिले में ईमेल मिले।
अधिकारी ने बताया कि बेरी की शिकायत के बाद पुलिस ने आईपीसी और आईटी कानून की संबंधित धाराओं के तहत कल मामला दर्ज किया। निम्बले ने कहा, ‘बेरी ने बताया कि नया सिम कार्ड लेने के कारण उनकी मोबाइल सेवा बंद थी जिससे उन्हें फोन पर संदेश नहीं आ रहे थे।
निम्बले ने इससे पहले कहा था, ‘पीड़ित ने इस धोखाधड़ी में बैंक के किसी कर्मचारी की मिलीभगत की संभावना से इनकार नहीं किया है। उन्होंने कहा कि उनके इंटरनेट बैंकिंग में एक दिन में पांच लाख रुपए ही निकालने की सीमा है तो कैसे कोई एक दिन में एक ही खाते से 69.90 लाख रुपए ट्रांसफर कर सकता है।’’ बहरहाल, शाम में डीसीपी ने कहा कि पुलिस ने बेरी के खातों से जिन बैंकों के खातों में रुपए भेजे गए उनका पता लगा लिया है।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि सूचना मिलने के बाद संबंधित बैंकों के अधिकारियों से संपर्क किया गया। उन्होंने कहा, ‘इसके चलते धोखाधड़ी की 34 लाख रुपए की राशि फ्रीज कर दी गई है। आरोपी ने शेष राशि अलग-अलग बैंकों के कुछ अन्य खातों में भेजी। धन राशि को फ्रीज करने के लिए इन बैंकों से भी बात की गई है।’(भाषा)