Himachal Pradesh rain : हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश का कहर लगातार जारी है। मनाली में दुकानें बहने और कुल्लू, किन्नौर तथा चंबा में नाले में अचानक आई बाढ़ में वाहनों के बह जाने और कृषि भूमि को नुकसान होने की भी खबरें सामने आई है। राष्ट्रीय राजमार्ग 3 का एक हिस्सा ब्यास नदी में बह गया। राज्य में वर्षाजन्य हादसों में 5 लोगों की मौत हो गई।
राज्य में रावी, ब्यास, सतलुज, चिनाब सहित सभी प्रमुख नदियां उफान पर हैं। पर्यटकों और यात्रियों को भारी बारिश के दौरान यात्रा करने से बचने और नदी के पास न जाने के लिए कहा गया है।
शिमला जिले के कोठगढ़ इलाके में भूस्खलन से एक घर ढह गया जिसमें परिवार के तीन सदस्यों की मौत हो गई। मृतकों की पहचान अनिल, उनकी पत्नी किरन और पुत्र स्वप्निल के रूप में हुई है। कुल्लु शहर में भी भूस्खलन से एक अस्थायी घर क्षतिग्रस्त हो गया जिसमें एक महिला की मौत हो गई। चंबा तहसील के कातियान में भूस्खलन की चपेट में आकर एक व्यक्ति दब गया।
राज्य आपदा अभियान केंद्र के अनुसार, राज्य में बीते 36 घंटों में भूस्खलन की 13 और बाढ़ की 9 घटनाएं हुई। राज्य में रविवार सुबह तक 736 सड़कें बाधित रहीं जबकि 1,743 ट्रांसफॉर्मर और 138 जल आपूर्ति परियोजनाएं प्रभावित रहीं।
राष्ट्रीय राजमार्ग 21 राज्य के 6 माइल स्थान पर बाधित रहा। यह वही स्थान है जहां पर यात्री 27 जून को 24 घंटे तक फंसे रहे थे। कमांड से होकर गुजरने वाली मंडी-कुल्लू सड़क गोडा फार्म के करीब बंद रही। मनाली-चंडीगढ़ मार्ग भी मनाली के पास धंस गई।
उन्होंने कहा कि मंडी-कुल्लू सड़क पर भी भूस्खलन हुआ है जिससे इस मार्ग से केवल आपातकालीन वाहनों को ही जाने की इजाजत है। प्रशासन ने पर्यटकों और स्थानीय लोगों को भारी बारिश में बाहर निकलने से मना किया है।
शिमला और कालका के बीच यूनेस्को धरोहर रेलमार्ग के बीच सभी रेलें रद्द कर दी गई हैं क्योंकि कई स्थानों पर भूस्खलन और पेड़ों के गिरने से रेलमार्ग अवरुद्ध हो गया है।
स्थानीय मौसम विभाग कार्यालय ने राज्य के 7 जिलों में रेड अलर्ट (204 मिलीमीटर से अधिक बारिश) जारी किया हुआ है। कार्यालय ने चंबा, कांगड़ा, कुल्लू, शिमला, सिरमौर और मंडी जिलों में अचानक तेज बाढ़ आने के खतरे को लेकर भी चेतावनी दी है।