भाजपा से एक विधायक सहित जहां छह बागी नेता चुनाव मैदान में हैं वहीं कांग्रेस के सात बागी नेता पार्टी प्रत्याशियों के लिए परेशानी पैदा कर रहे हैं। राज्य की 68 विधानसभा सीटों पर कुल 338 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं जिनमें से लगभग 90 बतौर निर्दलीय ताल ठोक रहे हैं। राज्य की कम से कम 13 सीटें ऐसी हैं जिन पर निर्दलीय दलीय समीकरण बिगाड़ सकते हैं।
कांगड़ा की फतेहपुर सीट से भाजपा के दो बागी चुनाव लड़ रहे हैं। ये पूर्व मंत्री राजन सुशांत और जमीनी पकड़ रखने वाले बलदेव सिंह ठाकुर हैं। पार्टी ने इस सीट से किरपाल परमार को उतारा है। इसी तरह पालमपुर से पूर्व विधायक परवीन शर्मा ने चुनावी समर में उतर कर पार्टी प्रत्याशी इंदु गोस्वामी की परेशानी बड़ा दी है।
उधर, कांग्रेस में रामपुर सीट से पूर्व मंत्री खीमी राम और शिमला सीट से पूर्व प्रत्याशी हरीश जनारथा अपनी मजबूत जमीनी पकड़ के चलते पार्टी के लिए परेशानी खड़ी कर रहे हैं और हार-जीत के आंकड़ों का रुख मोड़ सकते हैं। इसके अलावा मंडी जिले की द्रंग सीट से पूर्ण चंद ठाकुर, नालागढ़ से इंटक अध्यक्ष हरदीप सिंह, ऊना से राजीव गौतम और लाहौल से राजेंद्र कारपा पार्टी के अधिकृत उम्मीदवारों के लिए चुनौती बन गए हैं। पार्टी के परम्परागत गढ़ शिमला जिले में भी बागी प्रत्याशी खासा नुक्सान पहुंचा सकते हैं।