हैदराबाद। हैदराबाद में 2007 में हुए दोहरे बम विस्फोट में 2 आंतकियों को मौत की सजा और 1 को उम्रकैद की सजा सुनाए जाने पर हमले के एक पीड़ित ने कहा कि उन्हें तत्काल फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए।
शहर में 25 अगस्त, 2007 को एक लोकप्रिय रेस्तरां 'गोकुल चाट' और लुम्बिनी पार्क में स्थित एक ओपन एयर थिएटर में 2 शक्तिशाली बम विस्फोट हुए थे जिनमें 44 लोग मारे गए थे और 68 घायल हुए थे। 'गोकुल चाट' में हुए विस्फोट में अपनी एक आंख गंवाने वाले रहीम ने कहा कि सरकार को सुनिश्चित करना चाहिए कि सजा की तत्काल तामील हो।
अदालत के आदेश के बाद भावुक दिख रहे रहीम ने कहा कि ऊपरी अदालत या भारत के राष्ट्रपति को भी क्षमा याचिका को खारिज कर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि विस्फोट में कई लोग मारे गए और कई अन्य घायल हो गए। रहीम ने कहा कि मेरे जैसे लोग अब भी दर्द से गुजर रहे हैं और दुख से उबर नहीं पाए हैं।
प्रिटिंग का कारोबार करने वाले रहीम अपनी बेटी के लिए दुकान में आइसक्रीम खरीदने गए थे, तब विस्फोट हुआ। विस्फोट में उन्हें एक आंख गंवा दी और दूसरे आंख से देखने में उन्हें अब भी दिक्कत होती है। लुम्बिनी पार्क में हुए विस्फोट में अपने 7 छात्रों को खोने वाले महाराष्ट्र के अमृतवाहिनी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग के प्राचार्य एमके वेंकटेश ने कहा कि इंसाफ हुआ लेकिन उसमें देरी हुई।
एक शैक्षणिक दौरे के तहत कॉलेज के 50 से ज्यादा छात्र 25 अगस्त, 2007 को हैदराबाद में थे। उन्होंने कहा कि हम उन अनमोल जिंदगियों को वापस नहीं ला सकते। कितनी भी बड़ी सजा छात्रों के माता-पिता के दर्द को कम नहीं कर सकती।
विस्फोट में अपनी बेटी और 2 दूसरे परिजनों को खोने वाले बी. अन्जैया ने कहा कि पुलिस को फरार बताए जा रहे 2 दूसरे आरोपियों को पकड़ना चाहिए। कोटि इलाके में स्थित 'गोकुल चाट' के प्रोमोटर प्रेमचंद विजयवर्गीय ने कहा कि जो भी सजा दी गई, वह जायज है।