इंदौर। इंदौर में कॉलसेंटर के माध्यम से अमेरिकी नागरिकों के साथ ठगी करने वाले एक गिरोह को राज्य सायबर सेल ने पकड़ा है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ऑनलाइन ठगी करने वाले इस गिरो गिरोह के विजय नगर इंदौर स्थित कॉल सेंटर पर दबिश देकर 80 युवक-युवतियों को गिरफ्तार किया है। पूरे प्रदेश में अब तक की यह सबसे बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है।
आरोपियों द्वारा इंदौर में दो स्थानों पर उक्त अवैध कॉल सेंटर संचालित किया जा रहा था। अत: पुलिस की दो टीमों ने एक साथ दोनों स्थानों पर सोमवार देर रात दबिश दी। कार्रवाई के दौरान पुलिस ने कॉल सेंटर का संचालन करने वाले आरोपी जावेद, साहिल अब्बासी, केवल संधू को धर दबोचा वहीं दो अन्य संचालक सन्नी चौहान और शाहरुख अहमदाबाद में होने से पुलिस की पकड़ में नहीं आए।
पुलिस की टीम ने कॉल सेंटर पर काम करने वाले 61 लड़कों और 19 लड़कियों को भी गिरफ्तार किया है। कॉल सेंटर पर 10 लाख से अधिक अमेरिकी नागरिकों का डेटा भी पाया गया जिसे पुलिस ने जब्त किया है। इसके अलावा 60 कंप्यूटर, 70 मोबाइल फोन, सर्वर, मैजिकर्जेक जैसे गैजेट्स भी कब्जे में लिए गए है। कॉल सेंटर में पकड़े गए संचालक सहित 80 युवक-युवतियों को पुलिस ने कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने कॉल सेंटर के संचालक शाहरुख खान, भाविन और जावेद को 14 जून तक पुलिस रिमांड पर दिया है। वहीं सभी युवक-युवतियों को 24 जून तक जेल भेजने के आदेश दिए।
विशेष पुलिस महानिदेशक राज्य सायबर सेल पुरुषोत्तम शर्मा ने बताया कि सायबर सेल के जोनल कार्यालय ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए इंदौर में अंतरराष्ट्रीय ठगी करने वाले कॉल सेंटर का पर्दाफाश किया है। सायबर सेल को मुखबीर से सूचना मिली थी कि महाराष्ट्र, गुजरात और दिल्ली से कुछ लोग इंदौर आकर अवैध कॉल सेंटर चला रहे हैं। इस कॉल सेंटर के माध्यम से अमेरिका के नागरिकों को कॉल कर उनसे उनके सोशल सिक्यूरिटी नंबर का उपयोग अवैध गतिविधियों जैसे मनीलाड्रिंग व ड्रग ट्रैफिकिंग में शामिल होने का बताया जाता था। इसके बाद अमेरिकी नागरिकों को डराकर उनसे 50 डॉलर से लेकर 5000 डॉलर तक की राशि विभिन्न माध्यमों से वसूली जा रही थी।
ठगी के कॉल सेंटर में काम करने वाले युवक-युवतियां में से अधिकांश नागालैंड, मेघालय, मुंबई, अहमदाबाद और पंजाब के रहने वाले है। उक्त युवक-युवतियों के माध्यम से प्रतिदिन 3000 से 5000 डॉलर की ठगी की जा रही थी। हवाला के माध्यम से ठगों को ठगी गई राशि का 40 फीसदी हिस्सा काटकर शेष 60 फिसदी हिस्सा मिलता था। आरोपियों द्वारा पिछले एक साल से इंदौर में कॉल सेंटर चलाया जा रहा था।