इंदौर को यह उपलब्धि 2 नदियों और 17 बड़े नालों में सीवर की गंदगी रोकने के लिए हासिल हुई है। केन्द्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने इस सर्टिफिकेट के लिए 12 पैरापीटर्स तय किए थे। इसके लिए 200 लोकेशन देखी गईं। दरअसल, इस सर्टिफिकेट को हासिल करने के बाद इंदौर ऐसा शहर बन गया है, जो खुले में शौच से मुक्त होने के साथ ही यहां हर क्षेत्र में सार्वजनिक सुविधाघर हैं। उनमें सफाई के भी पर्याप्त इंतजाम हैं। इसके साथ ही 99 फीसदी घर सीवरेज से जुड़ चुके हैं।
क्या होगा फायदा : वाटर प्लस सर्वे में अव्वल आने के बाद इंदौर के लिए अब सेवन स्टार सिटी बनने का रास्ता भी साफ हो गया है। इस पुरस्कार को पाने में प्रशासन के साथ इंदौर शहर के लोगों की बड़ी भूमिका रही है। शहर के 5000 से ज्यादा लोगों ने अपनी जेब से 20 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च कर घरों से निकलने वाली ड्रेनेज को सीवर लाइन से जोड़ने के लिए अपने घर खुदवा लिए थे। इसके साथ इंदौर में 400 किसान ट्रीटेड वाटर से सिंचाई भी कर रहे हैं।