सरकार के आदेश में यह भी कहा गया कि शांति एवं सौहार्द बहाल करने के लिए भड़काऊ संदेशों के प्रसार को रोकने के वास्ते व्हॉट्सऐप, फेसबुक, एक्स जैसे सोशल मीडिया मंच और डेटा सेवाओं, मोबाइल इंटरनेट और ब्रॉडबैंड सेवाओं के अन्य माध्यमों के उपयोग पर पाबंदी रहेगी।
पुलिस ने जब प्रशासन की अनुमति के बगैर निकाली जा रही रैली को रोका तो प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया जिसमें एक पुलिस उपाधीक्षक समेत 2 पुलिसकर्मी घायल हो गए और भद्रक तहसीलदार के वाहन को क्षतिग्रस्त कर दिया गया। पुलिस ने बताया कि सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर शुक्रवार दोपहर जिले के संथिया इलाके में 2 समुदायों के बीच झड़प हो गई और बाद में हिंसा जिले के धामनगर इलाके तक फैल गई।
पुलिस ने बताया कि हिंसाग्रस्त पुरुना बाजार और धामनगर में पुलिस बल की कम से कम 14 प्लाटून तैनात की गई हैं। प्रत्येक प्लाटून में 30 कर्मी होते हैं। पुलिस ने जिले में 9 लोगों को हिरासत में लिया, फ्लैग मार्च निकाला और शांति बहाल करने के लिए गश्त बढ़ा दी है। इस बीच भद्रक के पुलिस उपमहानिरीक्षक, पुलिस अधीक्षक और जिलाधीश समेत वरिष्ठ अधिकारी स्थिति पर नजर रख रहे हैं और शांति समिति के सदस्यों के साथ बातचीत कर रहे हैं।(भाषा)