श्रीनगर। कश्मीरियों की यह बदकिस्मती ही है कि उन्हें बंद से दो दिनों की मोहलत के बाद फिर से चाचा हड़ताली के हड़ताली कैलेंडर के मुताबिक चलते हुए मजबूरन हड़ताल और बंद का आदेश मानना पड़ रहा है। यही कारण था कि अलगाववादियों के इस सप्ताहांत में अपना बंद समाप्त करने के बाद फिर से बंद आहूत करने के कारण कश्मीर में सोमवार को जनजीवन प्रभावित हुआ।
सुरक्षाबलों के साथ 8 जुलाई को हुई एक मुठभेड़ में हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकी कमांडर बुरहान वानी के मारे जाने पर 133 दिनों तक जारी अशांति के बाद पिछले 2 दिनों के दरमियान घाटी में हलचल देखने को मिली थी, हालांकि बंद के आह्वान के कारण सोमवार को पूरे कश्मीर में सड़कों पर पिछले 2 दिनों के मुकाबले कम वाहन देखने को मिले।
अधिकारियों ने बताया कि यहां शहर के बाहरी इलाके के अलावा सिविल लाइंस के कुछ इलाकों में भी सार्वजनिक वाहन चलते दिखाई दिए। अलगाववादियों की 2 दिनों की छूट के बाद सोमवार को फिर कई दुकानें, पेट्रोल पंप और अन्य व्यापारिक प्रतिष्ठान एक बार फिर बंद दिखे। उन्होंने बताया कि इन इलाकों में कुछ दुकानें भी खुली दिखीं।
घाटी के अधिकांश अन्य जिला मुख्यालयों से भी सड़कों पर कम यातायात की खबरें मिली हैं। घाटी के अन्य जिलों को ग्रीष्मकालीन राजधानी से जोड़ने वाली सड़कों पर कुछ अंतर जिला कैबों का परिचालन भी देखने को मिला। शहर के मध्य में स्थित लाल चौक से होकर गुजरने वाली टीआरसी चौक-बटमालू मार्ग पर कुछ विक्रेताओं ने भी अपने स्टॉल लगा रखे थे। अलगाववादी हर सप्ताह अलग-अलग प्रदर्शन कार्यक्रम कर रहे हैं।