-राजेश पाटिल
कर्नाटक के शिमोगा में विस्फोटकों से लदे ट्रक में हुए धमाके में आधा दर्जन से ज्यादा लोगों की मौत हो गई, जबकि अपुष्ट सूत्रों के अनुसार यह संख्या 15 तक हो सकती है। इस भीषण हादसे में कई गांवों के घरों को भी नुकसान पहुंचा है। धमाका इतना तेज था कि इससे आसपास के इलाकों में कुछ घर गिर गए, खिड़कियां चटक गईं, वहीं कई घरों में दरारें आ गईं। यह धमाका गुरुवार रात 10.30 बजे के लगभग हुआ था।
विस्फोट की भयानकता को इसी से समझा जा सकता है कि आसपास के इलाकों में धरती इस तरह कांपी मानो भूकंप आ गया है। इतना ही नहीं धमाके की आवाज पास के जिलों- दावणगेरे, चिकमंगलूरू और उत्तर कन्नड़ा जिलों तक सुनी गई। कई स्थानों पर खिड़कियां चटक गईं या फिर पूरी तरह टूटकर बिखर गईं। इस हादसे में मारे गए लोगों के शवों की हालत ऐसी थी कि उनकी शिनाख्त करना मुश्किल था।
दरअसल, इस क्षेत्र में स्टोन क्रशिंग का काम होता है। इस काम में विस्फोटकों का प्रयोग भी किया जाता है। माना जा रहा है कि ट्रक से यह विस्फोटक खनन एरिए में ही जा रहा था। खदानों में किए जाने वाले धमाकों से आसपास के गांवों के लोग भी काफी परेशान थे।
स्थानीय ग्रामीणों के मुताबिक वे लंबे से जिम्मेदार लोगों को इस क्षेत्र में खनन रोकने की मांग कर रहे थे। इसके लिए उन्हें कई बार शिकायतें भी की थीं, लेकिन उनकी बातों पर किसी ने ध्यान नहीं दिया। यदि उनकी शिकायतों पर कार्रवाई की जाती तो शायद यह हादसा ही नहीं होता। हुनासोडू गांव के लोगों ने बताया कि ट्रक में डाइनामाइट और जिलेटिन की छड़ें ले जाई जा रही थीं।
अभी आधिकारिक तौर पर 8 लोगों की मौत बताई जा रही है, लेकिन अपुष्ट जानकारी के अनुसार यह संख्या 10 से 15 हो सकती है। मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने घटना पर दुख व्यक्त किया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी घटना पर दुख व्यक्त करते हुए हर तरह की सहायता उपलब्ध करवाने का आश्वासन दिया है। (फोटो : राजेश पाटिल)