बाद में, इस संबंध में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि अतिक्रमण करने वाले लोगों से हमने कहा कि वे अपना अतिक्रमण स्वत: हटा लें अन्यथा सरकार उसे हटाएगी। उन्होंने कहा कि हमने कहा है कि अतिक्रमण चाहे वन विभाग की भूमि पर हो या लोक निर्माण विभाग या राजस्व विभाग की भूमि पर, उसे स्वत: ही हटा लें। उत्तराखंड के अंदर यह भूमि जिहाद नहीं चलेगा।
उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता कानून में जबरन धर्म परिवर्तन को संज्ञेय और गैरजमानती अपराध बनाते हुए इसका दोषी पाए जाने पर न्यूनतम तीन साल से लेकर अधिकतम 10 साल तक के कारावास के अलावा कम से कम पचास हजार रुपए के जुर्माने का भी प्रावधान किया गया है। कानून में अपराध करने वाले को कम से कम 5 लाख रुपए की मुआवजा राशि के भुगतान का भी प्रावधान रखा गया है जो पीड़ित को देय होगा। (भाषा)