यह मामला तब सामने आया जब केरल उच्च न्यायालय ने हदिया के साथ जहां के विवाह को रद्द करते हुए हदिया को उनके माता-पिता की कस्टडी में भेजने का आदेश दिया। इस आदेश को जहां ने चुनौती दी। पिछले वर्ष 27 नवंबर को शीर्ष अदालत ने हदिया को उसके माता-पिता की कस्टडी से रिहा किया और पढ़ाई पूरी करने के लिए उसे कॉलेज भेजा।
हालांकि हदिया ने अपने पति के साथ जाने की इजाजत की मांग की थी। हदिया ने 25 पन्नों के हलफनामे में कहा, मैं ससम्मान यह कहना चाहती हूं कि मैं मुस्लिम हूं और मुस्लिम के तौर पर ही रहना चाहती हूं। इसमें उसने कहा, शफीन जहां मेरे पति हैं और मैं उनकी पत्नी बनकर रहना चाहती हूं।
उसने कहा, मैंने इस्लाम को अपनाया है, अपनी इच्छा से उनसे शादी की है। उसने केरल उच्च न्यायालय के आदेश को रद्द करने की भी मांग की। इसके अलावा शीर्ष अदालत से अपने पति को अपना गार्जियन बनाने का अनुरोध किया। (भाषा)