दूसरी ओर, कोश्यारी ने ध्वनिमत से विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव कराने के नियम को असंवैधानिक मानते हुए विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव कराने की अनुमति नहीं दी थी। इसी सिलसिले में उद्धव सरकार के तीन मंत्री राज्यपाल से मिले थे और उन्होंने मुख्यमंत्री का पत्र कोश्यारी को सौंपा था।
पत्र में अध्यक्ष का चुनाव विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के दौरान ही कराने के लिए राज्यपाल से अनुमति मांगी गई थी। नाना पटोले द्वारा इस्तीफा देने के बाद विधानसभा अध्यक्ष का पद इस साल फरवरी से ही खाली है। शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा था कि राज्यपाल के लिए राज्य मंत्रिमंडल की सिफारिशों को मानना अनिवार्य है।