यह घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ है, जब नार्वेकर ने एक दिन पहले बयान दिया था कि उन्हें भारत निर्वाचन आयोग से शिवसेना के संविधान की एक प्रति मिल गई है और मुख्यमंत्री शिंदे सहित 16 शिवसेना विधायकों के खिलाफ अयोग्यता याचिकाओं पर सुनवाई जल्द शुरू होगी।
विधायक सुनील प्रभु ने अविभाजित शिवसेना के मुख्य सचेतक के रूप में पिछले साल उस वक्त शिंदे और अन्य 15 विधायकों के खिलाफ विधानसभा सदस्यता से अयोग्य ठहराए जाने की याचिका दायर की थी, जब शिंदे गुट ने विद्रोह किया था और जून 2022 में राज्य में नई सरकार बनाने के लिए भाजपा से हाथ मिलाया था।
शीर्ष अदालत ने 11 मई को अपने फैसले में कहा था कि एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने रहेंगे। अदालत ने कहा था कि वह उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास आघाडी (MVA) सरकार को बहाल नहीं कर सकती, क्योंकि शिंदे के विद्रोह के मद्देनजर शिवसेना नेता ने शक्ति परीक्षण का सामना किए बिना इस्तीफा देने का फैसला किया था। (भाषा))