मुंबई। महाराष्ट्र मंत्रिमंडल ने बुधवार को ‘मुंबई में मॉल, सिनेमाघर और दुकानों को 24 घंटे खोलने' की नीति को मंजूरी दे दी। नई नीति 27 जनवरी लागू से होगी।
लंदन की 5 अरब पाउंड की रात की अर्थव्यवस्था को रेखांकित करते हुए पर्यटन मंत्री आदित्य ठाकरे ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद बताया कि सरकार के इस फैसले से राजस्व और रोजगार बढ़ाने में मदद मिलेगी। इस समय मुंबई के सेवा क्षेत्र में 5 लाख लोग काम कर रहे हैं।
उन्होंने स्पष्ट किया कि मॉल और खाने-पीने की दुकानों को रात को खोलना बाध्यकारी नहीं है। ठाकरे ने कहा कि जो लोग मानते हैं कि पूरी रात प्रतिष्ठानों को खोले रखने से बेहतर कारोबार होगा, वे ही इस पर अमल करेंगे।
राज्य सरकार के फैसले के मुताबिक पहले चरण में दुकानें, रेस्तरां, गैर आवासीय इलाकों में स्थित मॉल तथा मिल परिसरों के थियेटर को पूरी रात खोलने की अनुमति होगी।
शिवसेना नेता ने कहा कि बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स और एनसीपीए के नजदीक नरीमन प्वाइंट की सड़क पर सचल खाने की दुकानों को खोलने की अनुमति दी जाएगी और खाद्य निरीक्षक उन पर नजर रखेंगे। अगर ठोस कचरा प्रबंधन, आवाज की सीमा और कानून व्यवस्था के नियमों का उल्लंघन हुआ तो, उन पर आजीवन प्रतिबंध का प्रावधान है।
उन्होंने कहा कि पुलिस पर यह दबाव नहीं होगा कि वे देर रात डेढ़ बजे यह सुनिश्चित करें कि दुकानें और प्रतिष्ठान बंद हैं। राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ने कहा कि इसके बजाय अब वे कानून व्यवस्था कायम रखने पर ध्यान केंद्रित कर सकेंगे।
उन्होंने कहा कि यह फैसला लेते वक्त आबकारी नियमों को नहीं छुआ गया है और पब और बार पूर्व की तरह रात डेढ़ बजे ही बंद होंगे। ठाकरे ने कहा कि लोग अब रात के समय में भी खा सकेंगे, खरीददारी कर सकेंगे और फिल्में देख सकेंगे।
उन्होंने कहा कि मुंबई 24 घंटे और सातों दिन चलती है। यहां लोग रात की पाली में काम करते हैं। पयर्टक भी आते-जाते हैं। लेकिन वे कहां जाए, जिन्हें रात के दस बजे के बाद भूख लगी हो?
ठाकरे ने कहा कि मॉल और मिल परिसर में सुरक्षा और सीसीटीवी की व्यवस्था होगी और सभी को लाइसेंस लेना होगा। अगर प्रतिष्ठान अधिक पुलिस सुरक्षा की जरूरत महसूस करेंगे तो उन्हें इसके लिए भुगतान करना होगा।
इस कदम की भाजपा की ओर से की गई आलोचना के बारे में पूछने पर मंत्री ने कहा कि ‘महाराष्ट्र विकास अघाड़ी’ सरकार लोगों की इच्छाओं को पूरा करने के लिए काम कर रही है। उन्होंने जेएनयू और जामिया में हुई हिंसा का संदर्भ देते हुए कहा कि भाजपा युवाओं के खिलाफ है। देखिए वह छात्रों के साथ कैसा व्यवहार कर रही है।