महबूबा ने कहा कि सबसे दुर्भाग्य की बात यह है कि जो लोग कश्मीर मुद्दे पर रो रहे हैं वही कश्मीरियों की हत्या कर रहे हैं खासतौर से हमारे युवाओं की, जो सामान्य पृष्ठभूमि से आते हैं और जीवन में सफल होना चाहते हैं, बिलकुल शहीद फैयाज की तरह।
संवाददाताओं से बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि फैयाज महज 22 साल की छोटी आयु में सेना में अफसर बन गए और कुछ ही सेकंड में उनकी क्रूरता से हत्या कर दी गई। उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाएं राज्य के लोगों के लिए आत्मविश्लेषण का क्षण हैं, यह देखने का वक्त है कि क्या कश्मीर मुद्दे का हल लोगों की हत्याओं और बैंक लूटने में है?
महबूबा ने कहा कि पहले भी पुलिसकर्मियों और बैंक अधिकारियों की हत्याएं हुई हैं। ऐसे में मुझे लगता है कि यह जम्मू-कश्मीर के लोगों, विशेष रूप से घाटी के लोगों, जो कश्मीर मुद्दे को लेकर रोते रहते हैं, के लिए आत्मविश्लेषण का क्षण है। क्या इस मुद्दे का समाधान बैंकों और हथियारों की लूट में तथा हमारे युवाओं की क्रूरता से हत्या करने में है, जो कुछ बन गए हैं या शिक्षा प्राप्त कर कुछ बनना चाहते हैं।
इससे पहले एक बयान में महबूबा ने लेफ्टिनेंट फैयाज की हत्या की निंदा करते हुए कहा था कि यह ज्यादा दुखदायी है कि युवा अधिकारी छुट्टियों पर अपने घर आए थे और अपने रिश्तेदार की शादी में शामिल हो रहे थे। मुख्यमंत्री ने लेफ्टिनेंट फैयाज के परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।