नैनीताल। नैनीताल के गैलेक्सी होम स्टे होटल में नोएडा निवासी दीक्षा मिश्रा हत्याकांड में नैनीताल पुलिस ने मुख्य आरोपी ऋषभ तिवारी उर्फ इमरान को यूपी के गाजियाबाद से गिरफ्तार कर इस हत्याकांड के खुलासे का दावा किया।
नैनीताल के एसपी सिटी देवेंद्र पिंचा ने बताया कि दीक्षा की हत्या के बाद ही पुलिस की जो टीम नैनीताल से ऋषभ उर्फ इमरान की गिरफ्तारी के लिए गाजियाबाद रवाना की गई। पुलिस ने आरोपी को गाजियाबाद से गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस ने बताया कि दीक्षा का पति से तलाक होने के बाद वह अपनी बेटी के साथ नोएडा में रहती थी। इमरान और दीक्षा बीते दो साल से लिव इन रिलेशन में रह रहे थे। कुछ महीनों से दीक्षा और इमरान का बीच विवाद चल रहा था। नैनीताल के होटल गैलेक्सी होम स्टे में भी दीक्षा ने इमरान के साथ मारपीट की थी। इसी आवेश में आकर उसने दीक्षा का गला दबाकर हत्या कर दी।
गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में इमरान ने पुलिस को यह भी बताया कि दीक्षा की शादी 2008 में हुई थी, लेकिन 2012 में वो अपने पति से अलग हो गई। पति के अलग रहने के बाद उसकी मुलाकात सुरेंद्र यादव से हुई। सुरेंद्र के साथ भी वो लंबे समय तक लिव इन रिलेशन में रही। कुछ समय बाद दोनों में अनबन हो गई और दोनों अलग हो गए। सुरेंद्र के बाद दीक्षा किसी और युवक संपर्क में आई।उसके साथ भी दीक्षा लिव इन रिलेशन में रही। उसका ये रिश्ता भी कुछ ही दिन चला।
2018 में दीक्षा और इमरान की मुलाकात हुई और दोनों साथ रहने लगे। इमरान के अनुसार उसने अपना नाम इसलिए बदला ताकि दोनों के साथ रहने पर सवाल न उठें। दीक्षा को उसकी असल पहचान का पहले से पता था। इमरान ने पुलिस को बताया कि बीते कुछ समय से दीक्षा का स्वभाव बदल गया। दीक्षा अकसर शराब पीने के बाद उससे लड़ती थी।
वारदात की रात भी दीक्षा के पुराने बॉयफ्रेंड का कॉल आया, इसकी वजह से दोनों के बीच बहस हुई और फिर दीक्षा ने शराब के नशे में उसके साथ मारपीट की। गुस्से में आकर इमरान ने दीक्षा की गला घोंटकर हत्या कर दी।
दीक्षा के मर्डर के बाद इमरान चुपके से रात में ही होटल से निकल गया।
इमरान ने होटल रिसेप्शन पर जमा की गई अपनी आईडी यह कहते हुए वापस मांग ली थी कि वह सुबह दीक्षा और अपनी आईडी एक साथ जमा करवा देगा। होटल रिसेप्शन ने इमरान को उसकी आईडी वापस दे दी, जिसके बाद इमरान मौके से फरार हो गया। होटल कर्मियों ने इमरान का नाम होटल रजिस्टर में दर्ज कर लिया जिससे उसका असली नाम सामने आ सका।
इमरान नैनीताल से सीधे नोएडा स्थित अपने फ्लैट में पहुंचा। फ्लैट से जरूरी सामान लेने के बाद इमरान दीक्षा के घर पहुंचा, जहां उसने फोन भूलने का बहाना बनाकर दीक्षा की बेटी से मोबाइल का पासवर्ड पूछा और लॉक खोलकर फोन लेकर चला गया। वो विदेश भागने की फिराक में था, लेकिन उससे पहले ही पुलिस ने उसे पकड़ लिया।
पुलिस ने बताया कि आरोपी दीक्षा के मोबाइल इस्तेमाल कर रहा था क्योंकि उसे ये लग रहा था कि पुलिस दीक्षा के मोबाइल को ट्रेस नहीं करेगी। इसलिए वह दीक्षा के फोन से लोगों से संपर्क कर रहा था। मंगलवार 17 अगस्त को ही दीक्षा मिश्रा के परिजन नैनीताल पहुंचे थे। पोस्टमॉर्टम के बाद पुलिस ने दीक्षा का शव उन्हें सुपुर्द कर दिया।
दीक्षा के परिजनों ने पुलिस को बताया कि इमरान ने उनसे अपनी पहचान छुपाई थी और उनसे भी वो ऋषभ तिवारी बनकर मिला। दीक्षा का परिवार भी इमरान को ब्राह्मण समझता था। नोएडा से महिला के साथ नैनीताल घूमने पहुंची श्वेता ने बताया कि ऋषभ और दीक्षा नोएडा में उनके फ्लैट के ऊपरी मंजिल पर रहते थे और उन्हें भी इमरान का नाम ऋषभ तिवारी पता था। पूरी कॉलोनी इमरान को ऋषभ नाम से ही जानती थी।
आरोपी इमरान के पुलिस के हत्थे चढ़ने के बाद पुलिस ने इस मामले को लव जिहाद जैसा मामला होने से इनकार करते हुए इस एंगल से भी जांच की बात कही।
एसपी सिटी देवेंद्र पींचा ने बताया कि दीक्षा ने सीने पर इमरान नाम का टैटू बनवाया था, जिससे लगता है कि दीक्षा को ऋषभ के इमरान होने की जानकारी थी। केवल दीक्षा के परिजन ही इस बात से अंजान थे।पुलिस ने अवैध रूप से संचालित होटल, रिसोर्ट और होमस्टे पर कार्रवाई करने की बात कही है। गैलेक्सी होम स्टे जिसमे यह हत्या हुई के संचालक के खिलाफ भी पुलिस एक्ट में कार्रवाई की बात पुलिस ने कही है।