निम के रजिस्ट्रार प्रवीण कुमार ने बताया कि कर्नल भदौरिया के नेतृत्व में दल ने बहुत बारीकी से अपनी चढ़ाई की योजना बनाई ताकि खराब मौसमी दशाओं जैसे तेज हवाओं, बर्फवारी और तापमान में उतार-चढ़ाव से उनका अभियान प्रभावित न हो।
चमोली जिले में भारत-चीन सीमा के पास उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थित माणा लंबे समय से साहसिक गतिविधियों के प्रति लोगों को आकर्षित करता रहा है। हालांकि, क्षेत्र के ऊबड़-खाबड़ और विषम होने के कारण पहले इन चोटियों पर कभी भी चढ़ाई नहीं की गई थी।
उन्होंने कहा कि यह अभियान कई कारणों से महत्वपूर्ण है। इसने माणा क्षेत्र की अब तक दुनिया के लिए अंजान रही सुंदरता को प्रदर्शित किया, भारत की पर्वतारोहण विरासत में एक गौरवपूर्ण अध्याय जोड़ा और नए पर्वतारोहियों के लिए भी यह प्रेरणा का काम करेगी।
कैप्टन जी संतोष कुमार, प्रशिक्षक राकेश राणा, विनोद गुसाईं, सौरव सिंह, अनूप पंवार, हजारी लाल, बहादुर पान, रविंद्र सिंह, अजीत रावत, नवप्रभात, हिमांशु जोशी, पंकज पंवार, मुनेंद्र राणा और सूर्या रावत भी दल में शामिल थे।