सत्संग ब्यास में हुई गंदी बात, दादा के उम्र वाले सेवादार ने छात्राओं को बनाया हवस का शिकार, गर्भवती होने पर खुला राज
Uttar Pradesh Crime News : उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले से एक रोंगटे खड़े कर देने वाली खबर सामने आई है, यहां दो नाबालिग छात्राओं के साथ उनके दादा की उम्र के समान एक आश्रम के सेवादार ने गंदी बात करते हुए एक छात्रा को 4 माह की गर्भवती बना दिया। परिवार को जैसे ही 13 साल की पीड़िता के साथ हुई हरकत का पता चला तो पैरों चले जमीन खिसक गई। पीड़ित परिवार ने पुलिस से शिकायत दर्ज कराते हुए आरोपी सेवादार को न्यायालय में पेश करके जेल भेज दिया है। आश्रम के सेवादार की घिनौनी हरकत सुनकर गांव में लोग हैरान हैं और वह अब इस आश्रम को बंद करने की मांग कर रहे हैं।
मामला बुलंदशहर के स्याना कोतवाली क्षेत्र का है, गांव में राधा स्वामी सत्संग ब्यास है। इसी सत्संग ब्यास की देखभाल का जिम्मा 72 वर्षीय मोहनलाल पर था। आश्रम में खुला एरिया होने के चलते आसपास रहने वाले परिवार के बच्चे-बच्चियां वहां खेलते रहते थे। इसी का फायदा उठाते हुए अधेड़ मोहनलाल ने कक्षा 6 और 7 में पढ़ने वाली दो छात्राओं को साइकल सिखाने और मीठी गोली-कंपट खिलाने का झांसा देकर अपने जाल में फंसा लिया। अबोध बच्चियां दादा की उम्र के दरिंदे की नियत को पहचान नहीं पाईं। आरोपी मोहनलाल ने टॉफी के नाम पर उन्हें नशे की गोलियां खिलाईं और 8 माह से उनको हवस का शिकार बना रहा था।
मोहनलाल की करतूत का खुलासा उस समय हुआ, जब कक्षा 6 में पढ़ने वाली नाबालिग छात्रा के पेट में दर्द हुआ, परिवार ने पहले घरेलू उपचार किया, लेकिन दर्द की शिकायत बनी हुई थी और छात्रा का पेट फूलता ही जा रहा था। छात्रा के परिजन उसे डॉक्टर के पास लेकर पहुंचे, अल्ट्रासाउंड हुआ तो छात्रा चार माह की गर्भवती निकली। डॉक्टर की बात सुनकर परिजनों के होश उड़ गए। छात्रा से पूछताछ हुई तो उसने सेवादार मोहनलाल की हरकत की जानकारी दी। सत्संग के सेवादार द्वारा दो छात्राओं को अपनी हवस का शिकार बनाया गया। राज खुलने पर पीड़ित परिवार ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
गर्भवती छात्रा के परिजनों के मुताबिक 22 अक्टूबर को पता चला कि उनकी बेटी 4 माह की गर्भवती है। उन्होंने राधा स्वामी सत्संग के सेवादार के खिलाफ पुलिस में शिकायत की। पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज नहीं की और टरका दिया। पीड़ित परिवार ने 23 अक्टूबर को 1076 पर फोन करके लखनऊ में अपनी आप बीती सुनाई। लखनऊ से तुरंत एक्शन के आदेश स्थानीय पुलिस को दिए गए। 23 अक्टूबर की शाम को रिपोर्ट की कापी पीड़ित परिवार को उपलब्ध करवाई गई। उसके बाद पुलिस सेवादार मोहनलाल को पकड़कर थाने ले आई। उसने अपना जुर्म कबूलते हुए कहा कि यह बच्चा उसी का है।
पीड़ित परिवार ने जब आश्रम में 72 साल के मोहनलाल को पकड़ा तो वह माफी मांगने लगा। परिवार इतने गुस्से में था कि उसे वहीं मार देना चाहता था लेकिन उसकी उम्र का लिहाज करते हुए पुलिस को सौंप दिया। आरोपी मोहनलाल ने दो मासूम कलियों को खिलने से पहले ही रौंद डाला। आरोपी अपनी उम्र भूल गया, वह उम्र के इस पड़ाव पर ढंग से चल भी नहीं पाता, लेकिन उसकी हवस ने दो बच्चियों को जिंदगीभर का दर्द दे दिया है। पुलिस ने दोनों पीड़ित बच्चियों की तहरीर पर दो मुकदमे दर्ज करके उसे जेल भेज दिया है।