पटेल, जो कि संयोगवश अनुभव के लिहाज से राज्य के सबसे वरिष्ठ मंत्री भी हैं और रादड़िया के जैसे ही पाटीदार समुदाय के ही हैं, का वीडियो खासा रोचक है। मात्र 6 सेकंड के इस वीडियो में उन्हें अपने पुत्र और परिजनों के साथ विश्वप्रसिद्ध सोमनाथ मंदिर में पूजा करते देखा जा सकता है। इसी दौरान जब उनके पुत्र दानपात्र में डालने के लिए 500 रुपए का नोट निकालते हैं तो वे उन्हें हाथ से रोक देते हैं।
उनके पुत्र उनकी तरफ थोड़ा हैरतभरी नजर से देखते हैं, पर हाथ जोड़े हुए पटेल सिर हिलाकर उन्हें ऐसा नहीं करने का इशारा करते हैं। इस बारे में पटेल ने बाद में सफाई देते हुए कहा कि इस निजी मामले को मीडिया में उछाला जाना सही नहीं है। वे विभिन्न मंदिरों में सपरिवार जाते रहे हैं और पूजा-दान आदि करते रहते हैं। सोमनाथ मंदिर में उन्होंने चांदी की चौकी और अन्य चीजें दान में दी थीं और वे चाहते हैं कि सभी परिजन एकसाथ दान में पैसे दें ताकि कुछ बड़ी रकम दी जा सके।
मूंगफली की फसल के नुकसान के लिए उनके क्षेत्र के लगभग 150 किसानों को बीमा के दावे की करीब पौने 2 करोड़ की राशि की भुगतान में कथित देरी और इस मामले में बैंक की कथित लापरवाही को लेकर वे बैंक को बंद कराने का प्रयास करते हुए देखे जा सकते हैं। वह फोन पर बैंक के किसी आला अधिकारी से यह भी कहते सुने जा सकते हैं कि किसान अब और इंतजार नहीं करेंगे। बैंक को बंद कर दिया जाएगा।
रादड़िया जो स्वयं राजकोट जिला सहकारी बैंक के चेयरमैन भी हैं, ने बाद में पत्रकारों से कहा कि बैंक की गलती से किसानों का फसल बीमा संबंधी प्रीमियम समय से जमा नहीं हुआ था और इस वजह से 11 माह से किसानों को दावे का भुगतान नहीं हो पाया है। बार-बार कहे जाने के बावजूद बैंक का रवैया नकारात्मक ही है इसीलिए वे आपा खो बैठे थे। (वार्ता)