नीतीश कुमार के शपथ ग्रहण के बाद लालू के बेटे बोले-पलटिस कुमार को देना चाहिए गिरगिट रत्न

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
रविवार, 28 जनवरी 2024 (18:13 IST)
नीतीश कुमार ने रविवार शाम 5 बजे 9वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सम्राट चौधरी और नेता प्रतिपक्ष रहे विजय सिन्हा को उपमुख्यमंत्री बनाया गया है।

नीतीश ने आरजेडी का साथ छोड़कर फिर भाजपा के साथ सरकार बनाई। कुमार के साथ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं विजय कुमार सिन्हा, सम्राट चौधरी एवं प्रेम कुमार और जद (यू) के विजेंद्र यादव एवं श्रवण कुमार ने भी मंत्रिपद की शपथ ली। नीतीश के शपथ के बाद लालू प्रसाद के बेटे तेजप्रताप यादव ने कहा कि “गिरगिट” तो बस यूं ही बदनाम है..! रंग बदलने की रफ़्तार से तो पलटिस कुमार को भी “गिरगिट रत्न“ से सम्मानित करना चाहिए।
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नीतीश कुमार के अलावा एचएएम के संतोष कुमार सुमन, सुमित कुमार सिंह (निर्दलीय) ने नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली नयी सरकार में मंत्रिपद की शपथ ली।
 
कुमार ने दिन में यह कहते हुए मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था कि बिहार में सत्तारूढ़ महागठबंधन और विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन में उनके लिए ‘चीजें ठीक नहीं चल रही हैं।’
 
इसी के साथ उन्होंने भाजपा के सहयोग से नई सरकार बनाने का दावा पेश किया था। लगभग डेढ़ साल पहले उन्होंने भाजपा से नाता तोड़ लिया था।

राजद के नेता तेजप्रताप ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म ‘एक्स’ पर अपने एक पोस्ट में नीतीश पर कटाक्ष करते हुए कहा कि गिरगिट तो बस यूं ही बदनाम है। रंग बदलने की रफ्तार के लिहाज से तो पलटिस कुमार को भी गिरगिट रत्न से सम्मानित करना चाहिए। 
 
बिहार की पिछली 18 महीने की महागठबंधन सरकार में पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री रहे तेजप्रताप ने प्रदेश में राजग की पूर्व सरकारों के कार्यकाल, जिसका नेतृत्व नीतीश ने किया था, की ओर इशारा करते हुए कहा कि आपके 17 साल पर हमारा 17 महीना भारी पड़ा।  

कांग्रेस ने की गिरगिय से तुलना : नीतीश कुमार के रविवार को बिहार के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद कांग्रेस ने उनकी तुलना ‘‘गिरगिट’’ से की और कहा कि राज्य के लोग ‘‘धोखा देने के इस विशेषज्ञ’’ और उन्हें अपने इशारों पर नचा रहे लोगों को कभी माफ नहीं करेंगे।
 
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि वे महागठबंधन छोड़ने के कुमार के फैसले के बारे में पहले से जानते थे लेकिन उन्होंने ‘इंडिया’ को बरकरार रखने के लिए कुछ नहीं कहा।
 
खरगे ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा कि देश में 'आया राम-गया राम' जैसे कई लोग हैं। पहले वे और हम मिलकर लड़ रहे थे। जब मैंने लालू (प्रसाद) जी और तेजस्वी (यादव) जी से बात की तो उन्होंने भी कहा कि नीतीश जा रहे हैं।’’
 
बार-बार पार्टी बदलने के संदर्भ में ‘आया राम गया राम’ जुमले का 1990 के दशक में राजनीति में व्यापक रूप से इस्तेमाल किया गया था। उन्होंने कहा कि यदि कुमार रुकना चाहते तो वह रुक सकते थे लेकिन वह जाना ही चाहते थे।
 
खरगे ने कहा, ‘‘इसलिए यह बात हमें पहले से ही पता थी, लेकिन ‘इंडिया’ गठबंधन को बरकरार रखने के लिए हमने कुछ नहीं कहा। अगर हम कुछ गलत कहते तो बाहर गलत संदेश जाता। इसकी जानकारी हमें लालू प्रसाद यादव जी और तेजस्वी यादव जी ने पहले ही दे दी थी। आज यह सच हो गया।’’

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