Nuh Violence : बजरंग दल कार्यकर्ता की हत्या के मामले में 'AAP' नेता के खिलाफ केस दर्ज, भीड़ को उकसाने का आरोप

Webdunia
रविवार, 6 अगस्त 2023 (19:45 IST)
Nuh Violence : हरियाणा में सांप्रदायिक हिंसा के दौरान सोहना में बजरंग दल के कार्यकर्ता प्रदीप शर्मा पर हमला कर उसकी हत्या करने के आरोप में एक व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। इस हफ्ते के शुरू में नूंह में हिंसा भड़क उठी थी जो बाद में राज्य के अन्य हिस्सों में भी फैल गई थी। 
 
मीडिया खबरों के मुताबिक पुलिस ने हत्या के इस मामले में हरियाणा AAP माइनोरिटी सेल अध्यक्ष जावेद अहमद को मुख्य आरोपी बनाया है। उनसे पूछताछ भी हो चुकी है। आप नेता ने खुद पर लगे आरोपों को झूठा बताया है।  
 
नूंह के जिलाधिकारी धीरेंद्र खड़गटा ने कहा कि रविवार को भी कर्फ्यू में सुबह नौ बजे से दोपहर 12 बजे तक ढील दी गई। नूंह जिला मजिस्ट्रेट ने आदेश जारी कर जानकारी दी कि 7 अगस्त 2023 को सुबह 9 बजे से दोपहर 1 बजे तक जनता की आवाजाही के लिए नूंह में कर्फ्यू हटाया जाएगा।
 
पुलिस ने बताया कि बुधवार को शर्मा की दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। प्राथमिकी बजरंग दल के कार्यकर्ता पवन कुमार की शिकायत के आधार पर दर्ज की गई थी, जो 31 जुलाई को सोहना में हमले के समय शर्मा के साथ कार में थे।
 
कुमार ने दावा किया कि जब वे नूंह से लौट रहे थे तो जावेद ने रात करीब साढ़े दस बजे उनके वाहन को जबरन रोका। कुमार ने अपनी शिकायत में दावा किया कि जावेद के कहने पर करीब 25 से 30 लोगों ने हम पर हमला कर दिया। 
 
शर्मा के सिर पर लोहे की रॉड से वार किया गया और वह गिर गए। गोली चलाने की आवाज भी सुनी गईं। पुलिस ने उसे अस्पताल पहुंचाया।
 
पुलिस उपायुक्त (दक्षिण) सिद्धांत जैन ने कहा कि हत्या का मामला दर्ज कर लिया गया है और जांच जारी है। आरोपी को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
 
नूंह में विश्व हिन्दू परिषद की जलाभिषेक यात्रा पर भीड़ के हमले के बाद हिंसा भड़क गई थी जो बाद में गुरुग्राम और आसपास के इलाकों तक फैल गई जिसमें दो होम गार्ड और एक इमाम समेत 6 लोगों की मौत हो गई।
 
इस बीच, यहां वकीलों के एक समूह ने जिला एवं सत्र न्यायाधीश को पत्र लिखकर पुलिस पर "झूठी और मनगढ़ंत" प्राथमिकियों के आधार पर लोगों को गिरफ्तार करने का आरोप लगाया तथा मामले में गुरुग्राम पुलिस आयुक्त से स्थिति रिपोर्ट मांगी।
 
उन्होंने दर्ज की गई प्राथमिकी और अब तक गिरफ्तार किए गए लोगों की कुल संख्या और सभी बंदियों की वर्तमान स्थिति पर स्थिति रिपोर्ट की मांग की।
 
हालांकि, गुरुग्राम पुलिस आयुक्त के. रामचंद्रन ने कहा कि नूंह में हाल की घटना के बाद गुरुग्राम में हुई आगजनी और तोड़फोड़ की दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं पर गुरुग्राम पुलिस ने क्षेत्र में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए त्वरित और दृढ़ कार्रवाई की है।
 
उन्होंने कहा कि गुरुग्राम पुलिस ने कानून और सबूतों के आधार पर ही कार्रवाई की है जिसमें आरोपियों को गिरफ्तार करना और हिरासत में लेना शामिल है।
 
होटल को ढहाया गया : हरियाणा के अधिकारियों ने हिंसा प्रभावित नूंह जिले में एक होटल-सह-रेस्तरां सहित उन कई अवैध संरचनाओं को रविवार को ढहा दिया, जहां से पिछले सप्ताह की शुरुआत में झड़पों के दौरान एक धार्मिक यात्रा पर कथित तौर पर पथराव किया गया था।
 
यह नूंह में ध्वस्तीकरण अभियान का चौथा दिन है। जिला प्रशासन ने बताया कि उसने 16 ऐसी अवैध संरचनाओं की पहचान की है, जिन पर रविवार को बुलडोजर चलाया जाएगा।
 
उपमंडलीय मजिस्ट्रेट अश्विनी कुमार ने बताया कि ये संरचनाएं अवैध रूप से बनाई गई थीं और इनका इस्तेमाल ‘‘गुंडों’’ ने हाल में हिंसा के दौरान पथराव के लिए किया था।
 
इससे पहले, जिला प्रशासन ने शनिवार को नलहड़ मेडिकल कॉलेज के आसपास की 2.6 एकड़ जमीन सहित 12 अलग-अलग स्थानों पर अवैध निर्माण पर बुलडोजर चलाया था।
 
उप संभागीय मजिस्ट्रेट कुमार ने कहा था, ‘‘ये अवैध निर्माण थे। तोड़े गए ढांचों के मालिकों को पहले ही नोटिस दिए गए थे। ब्रज मंडल धार्मिक यात्रा के दौरान हुई हिंसा में कुछ अवैध ढांचों के मालिक भी शामिल थे। अभियान जारी रहेगा।’’
 
हिंसा के पिछले सप्ताह चरम पर होने के दौरान गुरुग्राम के सेक्टर-57 में एक मस्जिद को जलाने और उसके नायब इमाम की हत्या के मामले में चार युवकों की गिरफ्तारी के विरोध में तिगरा गांव में हिंदू समुदाय की एक महापंचायत भी जारी है।
 
महापंचायत में शामिल होने वाले लोगों का दावा है कि गिरफ्तार किए गए लोगों का इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है। प्रशासन सतर्क है और पूरे इलाके में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।

प्रतिनिधिमंडल को रोका : पुलिस ने निषेधाज्ञा का हवाला देते हुए भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के चार सदस्यीय एक प्रतिनिधिमंडल को नूंह जिले के निकट हिंसा प्रभावित गांवों में जाने से रविवार को रोक दिया।
 
भाकपा के राज्यसभा सदस्य विनय विश्वम ने कहा कि हमने वापस जाने का फैसला किया है क्योंकि हम कोई टकराव नहीं चाहते। गुंडे और बदमाश खुलेआम जा सकते हैं, लेकिन जो लोकतांत्रिक लोग शांति स्थापित करने के लिए यहां आए हैं, उन्हें रोका जाता है।
 
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि भाकपा के नेताओं को रोका गया है क्योंकि दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू थी और प्रतिनिधिमंडल की सुरक्षा को लेकर चिंताएं थीं।
 
भाकपा ने कहा था कि उसका एक प्रतिनिधिमंडल सांप्रदायिक हिंसा से प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करेगा। उसने बताया था कि प्रतिनिधिमंडल में विश्वम, पार्टी सांसद संतोष कुमार पी, पार्टी महासचिव अमरजीत कौर और दरियाव सिंह कश्यप शामिल होंगे।
 
प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों में से एक ने कहा कि उन्होंने मौके पर मौजूद पुलिस अधिकारियों से कहा कि वे ‘‘स्थानीय लोगों के साथ एक कप चाय पीने के लिए’’ क्षेत्र में जाना चाहते हैं।
 
सदस्य ने कहा कि पुलिस अधिकारी ने हालांकि कहा कि पुलिस थाने में चाय पीने के लिए हमारा स्वागत है, लेकिन वर्तमान परिदृश्य में हमें आम जनता से मिलने की अनुमति नहीं दी जा सकती।
 
भाकपा महासचिव अमरजीत कौर ने पुलिस से कहा, ‘‘या तो आप हम पर भरोसा करें या हमें गिरफ्तार करें।’’
 
जिला उपायुक्त धीरेंद्र खड़गटा और पुलिस अधीक्षक नरेंद्र बिजारणिया ने रविवार को संयुक्त रूप से नूंह जिले के कई इलाकों का दौरा किया और लोगों से शांति बनाये रखने की अपील की।
 
बिजारणिया ने कहा कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। दोषियों को आकर आत्मसमर्पण करना चाहिए, नहीं तो हरियाणा पुलिस जानती है कि उन्हें कैसे पकड़ना है।
 
सरकार ने ‘सांप्रदायिक तनाव’ के मद्देनजर फरीदाबाद जिले के बल्लभगढ़ उपमंडल में 6 अगस्त को दोपहर 1 बजे से 7 अगस्त की रात 11:59 बजे तक मोबाइल इंटरनेट और एसएमएस सेवाओं को निलंबित करने का रविवार को आदेश दिया।
 
विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) की जलाभिषेक यात्रा पर पिछले सोमवार को नूंह में भीड़ के हमले के बाद भड़की सांप्रदायिक हिंसा में दो होमगार्ड और एक इमाम समेत छह लोगों की मौत हो गई थी। इनपुट भाषा Edited By : Sudhir Sharma

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