Controversy over Church Bill in Kerala: मलंकारा ऑर्थोडॉक्स सीरियन चर्च के प्रमुख बेसिलियोस मार्थोमा मैथ्यूज तृतीय ने कोट्टायम में रविवार को केरल के राज्यपाल से आग्रह किया कि वह 'चर्च विधेयक' के संबंध में किसी भी अध्यादेश या कानून पर अपनी सहमति न दें। अटकलें हैं कि केरल सरकार इस तरह का विधेयक पेश कर सकती है। चर्च के ऑर्थोडॉक्स और जैकबाइट धड़ों के बीच 1970 से राज्य में कुछ चर्चों के नियंत्रण को लेकर विवाद है।
दोनों गुटों के बीच बढ़ा झगड़ा: उच्चतम न्यायालय के 2017 के एक आदेश के कार्यान्वयन के बाद दोनों गुटों के बीच झगड़ा बढ़ गया जिसमें ऑर्थोडॉक्स गुट को 1,000 से अधिक चर्चों और उनसे जुड़ी संपत्तियों का कब्जा दे दिया गया था। हालांकि दोनों गुटों के विरोध के कारण यह आदेश अब तक पूरी तरह से लागू नहीं किया गया है।
'चर्च विधेयक' को लेकर यह बोले ऑर्थोडॉक्स चर्च प्रमुख : मैथ्यूज तृतीय ने यहां एक कार्यक्रम में भाग लेने के दौरान कहा कि ऐसी अफवाहें हैं कि एक 'चर्च विधेयक' पेश किया जाएगा। मलंकारा ऑर्थोडॉक्स चर्च के प्रमुख ने कहा कि यदि केरल की सत्तारूढ़ सरकार द्वारा मलंकारा ऑर्थोडॉक्स चर्च के पक्ष में 2017 के फैसले की अवहेलना करने के लिए कोई कानून या अध्यादेश आपके (राज्यपाल के) समक्ष रखा जाता है तो हम दृढ़ता से मानते हैं कि आप मलंकारा ऑर्थोडॉक्स चर्च को न्याय देने के लिए अपने विवेक का उपयोग करेंगे।
राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान का बयान : राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि चर्च की चिंता जायज है। उन्होंने कहा कि वह देश के संविधान के संरक्षण, सुरक्षा और बचाव के लिए बाध्य हैं। उन्होंने कहा कि केवल एक चीज जो मैं आपसे कह सकता हूं कि हम सभी भारतीय नागरिक हैं और हमारे मौलिक कर्तव्य निर्धारित हैं। कानून को बनाए रखना और उसका पालन करना, यह मेरे और प्रत्येक नागरिक के लिए है। राज्य के राज्यपाल के रूप में मेरा एक अतिरिक्त कर्तव्य है।(भाषा)(फ़ाइल चित्र)