दरअसल पुलिस चाहती है कि ईद की नमाज सुबह सात बजे से पहले ही खत्म हो जाए और मस्जिद प्रशासन इसे शांतिपूर्वक आयोजित करवाए तथा किसी भी प्रकार की हिंसा की जिम्मेदारी ले, पर जामिया कमेटी इसके लिए राजी नहीं है। जिसका मानना है कि हालात को काबू पाना न ही उसका काम है और न ही उसके बस की बात।
हालांकि कोरोनावायरस (Coronavirus) कोविड-19 काल में कई महीनों तक इस मस्जिद में जुम्मे की नमाज की इजाजत नहीं दी गई थी और अब शांतिपूर्ण ईद की नमाज आयोजित करवाने को लेकर कौन जिम्मेदारी ले, यह यक्ष प्रश्न बना हुआ है।