कानपुर। यूं तो उत्तर प्रदेश पुलिस के कारनामे आए दिन सुनने को मिलते रहते हैं, लेकिन यूपी पुलिस के साथ एक और विचित्र कारनामा जुड़ गया है। इसे पुलिस की संवेदनहीनता ही कहेंगे कि पुलिस ने युवक की जान खतरे में डाल दी।
मोटरसाइकिल चालक अपनी जान की परवाह ना करते हुए अपनी मोटरसाइकिल पर बैठ गया। रही सही कसर ट्रैफिक पुलिस ने पूरी कर दी और क्रेन को रोकने की वजाय उसको लटकाए हुए सीधे पुलिसलाइन पहुंच गए। हालांकि ट्रैफिक पुलिस द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार युवक ने एक पत्र के माध्यम से ट्रैफिक पुलिस के उच्चाधिकारियों से लिखित माफी मांगी है। उसने लिखा कि गलती उसके द्वारा हुई है और उसे नियमों का पालन करना चाहिए था।
पत्र में उसने यह भी लिखा है उसकी पहली गलती समझते हुए उसे क्षमा करें लेकिन सवाल यह उठता है कि जब ट्रैफिक पुलिस ने क्रेन द्वारा मोटर साइकिल को उठाया था और चलती क्रेन में मोटर साइकिल के ऊपर जब युवक बैठ गया तो क्यों नहीं ट्रैफिक पुलिस के सिपाहियों ने उसे नीचे उतारा? क्यों ट्रैफिक पुलिस ने युवक की जान को खतरे में डाल दिया?