पीलीभीत के सरकारी आयुर्वेद कॉलेज और हॉस्पिटल के प्रिसिंपल डॉक्टर प्रकाश चंद्र सक्सेना ने कहा, 'हम गोमूत्र को न केवल दवा के रूप में बल्कि सेहत के लिए लाभदायक ड्रिंक रूप में बढ़ावा देंगे।' उन्होंने कहा कि हमने एक योजना बनाई है और इसकी स्वीकृति के लिए लखनऊ में आयुर्वेद विभाग में इस पर चर्चा करेंगे।
उन्होंने यह भी कहा कि 10 से 20 एमएल गोमूत्र के सेवन से मौसमी बीमारियां जैसे बुखार, कफ आदि नहीं होती हैं। गोमूत्र के रोजाना सेवन से लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। हमारा उद्देश्य है कि गोमूत्र को आम जनता को आसानी से सुलभ कराना है।
इतने बड़े पैमाने पर कैसे गोमूत्र इकट्ठा करेंगे, इस बारे में पूछे जाने पर सक्सेना ने कहा, 'हम सरकार या एनजीओ द्वारा संचालित डेयरी और गौशालाओं से संपर्क करने पर विचार कर रहे हैं। हम जल्द ही विशेषज्ञों और आयुर्वेद विभाग के निदेशक से परियोजना के डिटेल्स पर काम करेंगे।'
उन्होंने कहा कि फार्मेसी ने गोमूत्र से हर्बल दवाएं तैयार करने का फैसला किया है। फार्मेसी के प्रभारी डॉक्टर नरेश चंद्र गंगवार ने कहा, 'राज्य सरकार ने ऑर्डर दिया है और हम इस महीने के आखिर में गोमूत्र से दवाएं बनाना शुरू करेंगे। इन दवाओं का इस्तेमाल कई बीमारियों जैसे बुखार, पीलिया, पाइल्स और लीवर को ठीक करने में किया जा सकेगा।'