कुमार के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी में कहा गया है कि उन्होंने अप्रैल से सितंबर 2016 के बीच अपने विभाग से जुड़ी 62 निविदाएं मंगाई थीं जिनमें से 51 की पहचान फर्जी पाई गई। आरोप है कि निविदा जारी करने के लिए उन्होंने कम्प्यूटरजनित दस्तावेजों में साथ छेड़छाड़ की थी और दस्तावेजों में गड़बड़ी कर पहले से तय ठेकेदारों को काम आवंटित कर दिया था।