अयोध्या राम जन्मभूमि में रामलला का मंदिर जरूरी था

संदीप श्रीवास्तव
गुरुवार, 8 फ़रवरी 2024 (23:26 IST)
Ayodhya Shri Ram Janmabhoomi Mandir : श्री रामलला के दर्शन के लिए लाखों श्रद्धालु रोज अयोध्या पहुंच रहे हैं। अयोध्या निवासी ख्यात चिकित्सक व जाने-माने समाजसेवी डॉ. जावेद अख्तर ने कहा कि अयोध्या में इतना बड़ा उत्सव हुआ और सभी उसका इंतजार कर रहे थे, लेकिन कुछ लोग विरोध भी कर रहे थे। यदि वे विरोध करने के बजाय फूल बरसाते और कंधे से कंधा मिलाकर साथ में आगे बढ़ते तो प्रेम भावना बढ़ती। राम जन्मभूमि में राम मंदिर का निर्माण जरूरी था।

डॉ. जावेद अख्तर ने 'वेबदुनिया' से बातचीत करते हुए कहा कि अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण से जो देश में मैसेज जा रहा है शायद इससे अच्छी तो कोई बात ही नहीं हो सकती। उन्‍होंने 'वेबदुनिया' से खास बातचीत में कहा कि जिन्होंने राम को इस ख़िताब से नवाजा है, मैं इसका पूरा समर्थन करता हूं। उन्होंने कहा कि हम सबके भी दिल में राम के प्रति उतनी ही मर्यादा, प्रेम और श्रद्धा है जितनी कि हमारे देशवासियों को है।

उन्होंने कहा कि हमारे धर्म को गाइड करने वाली किताब 'कुरान' में भी कहा गया है कि ईश्वर ने पूरी दुनिया में एक लाख चौरासी हजार अपने दूत को भेजा और भगवान राम तो अवतारी थे। डॉ. जावेद ने कहा कि अफ़सोस इस बात का है बहुत से लोग ऐसे हैं जो चीजों को उतनी गहराई से नहीं समझते हैं, उन्ही लोगों का शायद ये मानना हो सकता है कि ये स्टेटमेंट सही नहीं है लेकिन अफ़सोस ये है कि वो भी इन चीजों को गहराई से समझते और जानते तो शायद कभी ऐसा न कहते, क्योंकि राम मंदिर बनने से हर ओर ख़ुशी और उल्लास की लहर है।

उन्होंने कहा कि हम सब यही सोचते हैं कि जिस चीज को इतने दिनों से किसी न किसी वजह से जो अब तक रुका हुआ था, आख़िरकार हम लोग उसमें कामयाब हो सके, जिसे बड़े ही अच्छी तरह से सुलझाया गया। उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है, जो लोगों का मानना था कि वो मस्जिद है वो हटा दी गई और राम मंदिर का निर्माण हो रहा है। ऐसा नहीं है हमें पूरी इज्जत दी गई और एक अलग जगह दी गई, फिर उस जगह में जिनकी मस्जिद थी उसका कोई महत्व नहीं था लेकिन वो एक ऐसी जगह थी जो भगवान राम की पैदाइश की जगह थी। उनकी जन्मभूमि थी और वो एक नार्मल मस्जिद थी तो कोई तुलना ही नहीं की जा सकती।
ALSO READ: राम मंदिर में यदि करना है रामलला के तुरंत दर्शन तो अयोध्या जाकर करें ये 5 कार्य
उन्होंने कहा कि उसके एवज में धननीपुर में जगह दी गई है, जहां एक कॉम्‍पलेक्स बनने जा रहा है तो इससे लगता है कि हम सब मिलकर एक ऐसी चीज रिलाइज करना चाहते हैं, जिससे प्यार-मोहब्बत बना रहे। आज हम एक-दूसरे को भाई कहते हैं तो भाई का हक अदा किया है।

डॉ. जावेद अख्तर ने साफतौर पर कहा कि पिछले 45 वर्षों से मैं यहां पर प्रेक्टिस में हूं। मैं देखता था कि ये शहर एक स्लिपिंग टाउन था, लोग ख़ामोशी से बैठे रहते थे, न कोई विकास नजर आता था, न कोई ऐसी खास चीज थी। अगर कुछ होता था तो वो एक निगेटिव मूवमेंट होता था लेकिन आज जो कहा जाता है कि रामलला के आने से राम राज्य स्थापित होगा, वो हो रहा है।
ALSO READ: 350 मुस्लिम श्रद्धालुओं ने किए रामलला के दर्शन, 150 KM पदयात्रा कर पहुंचे अयोध्या
क्योंकि हम लोग देख रहे हैं कि हम लोगों के दोस्त व जानने वाले इतने खुश हैं इस बात से और कहते हैं कि भाई अब तो इतना आसान हो गया है, आपके यहां तो इंटरनेशनल एयरपोर्ट बन गया है और हम लोग तुम्हारे पास पहुंच रहे हैं। अब हमारे यहां लगातार मेहमानों की आमद शुरू हो गई है और यहां टूरिज्म का स्पॉट डेवलप हुआ है।
ALSO READ: अयोध्या को अपना ननिहाल मानते हैं दक्षिण कोरियाई लोग, हर साल आते हैं रानी को श्रद्धांजलि देने
उन्होंने कहा कि सही मायने में अयोध्या पूरी राममय हुई है। उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए कहा कि जो लोग उनको पसंद करते वो तो ठीक है, लेकिन जो लोग नहीं पसंद करते हैं, वे भी कहते हैं कि अयोध्या में राम के नाम से ही सही पर बहुत ज्यादा काम हुआ है तो इससे बड़ी और क्या कामयाबी हो सकती है।

सम्बंधित जानकारी

अगला लेख