याचिकाकर्ताओं की ओर से अदालत को बताया गया कि वर्ष 2012 की भर्ती में आबकारी विभाग के मंत्रालयिक कर्मचारियों के 14 विभागीय पद खाली रह गए थे, जिन्हें 2016 की भर्ती में शामिल नहीं किया गया। अधिवक्ता विज्ञान शाह ने बताया कि आरएएस 2012 में आबकरी विभाग के मंत्रालयिक कर्मचारियों के 14 पदों में से किसी का चयन नहीं हुआ।
आबकारी नियमों के अनुसार, ऐसे पदों को अगले वर्ष की भर्ती में शामिल किया जाना था, जबकि 2013 की भर्ती 2012 का परिणाम आने से पहले ही पूरी हो चुकी थी। इसलिए ये पद उसमें शामिल नहीं हो सकते, लेकिन 2016 की भर्ती 2012 का परिणाम आने के बाद निकली, फिर भी उसमें इन पदों को शामिल नहीं किया। (वार्ता)