आरोपी के पास से भारत सरकार द्वारा जारी शरणार्थी का दस्तावेज मिला जिसके आधार पर वह कलकत्ता और उसके बाद जम्मू कश्मीर में भी शरणार्थी की जिंदगी गुजर बसर कर चुका है। लेकिन पिछले सात सालों से वह दरगाह क्षेत्र में शरणार्थी बना हुआ है और यहीं रहते उसने फर्जी कागजातों के आधार पर आधार कार्ड आदि तैयार करा लिए।
थाना पुलिस ने आरोपी की गिरफ्तारी के साथ सभी दस्तावेज जब्त कर लिए और उससे पूछताछ कर रही है कि उसकी यहां रहते क्या गतिविधि रही। वह यहां किन लोगों के संपर्क में है। गौरतलब है कि रोहिंग्या मुसलमानों को लेकर देश में चर्चा का माहौल आज भी गर्म है और ऐसे समय में गोपनीय तरीके से फर्जी कागजातों के आधार पर पकड़े गए उक्त आरोपी की गिरफ्तारी पुलिस व्यवस्था पर प्रश्न चिह्न लगा रही है।
उल्लेखनीय है कि गत माह मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे द्वारा अजमेर उत्तर विधानसभा क्षेत्र में किए गए जनसंवाद के दौरान की गई शिकायत पर मुख्यमंत्री ने दरगाह क्षेत्र से सात दिनों में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशियों को खदेड़कर वापस वतन भिजवाने के निर्देश जिला कलेक्टर गौरव गोयल को दिए थे, लेकिन करीब एक माह होने के बावजूद इस दिशा में कोई कार्यवाही नहीं की गई। इसी बीच, म्यांमार मूल के रोहिंग्या मुसलमान की गिरफ्तारी ने नया सवाल खड़ा कर दिया। (वार्ता)